झारखंड के दो टॉप माओवादी कमांडर संतू भुईंया राजेश ठाकुर ने बुधवार को लातेहार जिला पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। संतु भुईंया पांच लाख का इनामी नक्सली है। संतु भुईंया पर बिहार और झारखंड में दर्जनों नक्सली हमलों को अंजाम देने का आरोप है।
झारखंड सरकार की सरेंडर पॉलिसी के अनुसार संतु भुईंया को पांच लाख तथा राजेश ठाकुर को एक लाख रुपये का चेक दिया गया। आईजी राजकुमार लकड़ा ने कहा कि माओवादियों का सरेंडर पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
माओवादी संतु भुईंया पलामू के नौडीहा बाजार थाना क्षेत्र के सियरभौं गांव का रहनेवाला है। वर्ष 2004 में जब वह केवल 12 साल का था तभी वह भाकपा माओवादी संगठन में शामिल हो गया था। राजेश ने बताया कि वह अपनी पत्नी का इलाज कराने के लिए पैसा न जुटा पाने की वजह से नक्सली बना था। उसकी पत्नी कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त थी और उसके पास पत्नी का इलाज कराने के पैसे नहीं थे। ऐसे में पैसों के लालच में वर्ष 2014 में वह नक्सली संगठन में शामिल हो गया। हालांकि नक्सलियों ने पत्नी के इलाज में उसकी कोई मदद नहीं की और बाद में उसकी पत्नी की मौत हो गयी थी। राजेश पलामू के नावाबजार थाना क्षेत्र के तुकबेरा का रहनेवाला है। उसपर भी झारखंड और बिहार में एक दर्जन से अधिक नक्सली हमलों को अंजाम देने का आरोप है।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS