एक एमबीए ग्रेजुएट ने फर्जी वेबसाइट बनाने के लिए अपने साइंस से ग्रेजुएट भाई और एक टेक्निकल का जानकार दोस्त के साथ हाथ मिलाकर कई लोगों को चूना लगाया है।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि तीनों को अब गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि उन्होंने इस कारोबार से करीब पांच करोड़ रुपये कमाए हैं।
समूह ने बड़ी कंपनियों की वेबसाइटों की टू कापी बनाईं और पैसे के बदले लोगों को नकली फ्रेंचाइजी दीं।
मंगलवार को गिरफ्तार किए गए लोगों में भोपाल के एक निजी एमबीए कॉलेज के पूर्व छात्र विवेकानंद, गुरुग्राम के निजी संस्थान से बी.टेक स्नातक शिवेंद्र और मगध विश्वविद्यालय से विज्ञान स्नातक सच्चिदानंद शामिल हैं।
तीनों बिहार के मूल निवासी हैं।
पुलिस के अनुसार, महामारी के दौरान अपनी नौकरी गंवाने के बाद विवेकानंद ने अपने भाई सच्चिदानंद के साथ हाथ मिलाया। इस काम में टेक्निकल का जानकार शिवेंद्र भी शामिल हुआ।
लखनऊ के आशियाना इलाके में एक प्रसिद्ध स्नैक कंपनी की फ्रेंचाइजी आवंटित करने के नाम पर देवरत चतुर्वेदी को 3 लाख रुपये ठगने के बाद साइबर सेल ने गिरोह को पकड़ा।
मामले पर कार्रवाई करते हुए साइबर सेल को जौनपुर से भी ऐसी ही शिकायत मिली, जहां एक अमेरिकी ऑटो कंपनी की फ्रेंचाइजी देने के बहाने कारोबारी विनोद गुप्ता से 2 करोड़ रुपये ठगे गए।
एसीपी साइबर सेल, विवेक रंजन राय ने कहा, विवेकानंद और सच्चिदानंद ने शिवेंद्र को शामिल किया, जो मूल वेबसाइटों के समान वेबसाइट डिजाइन करते थे और बदले में पैसा दिया था।
असली दिखने के लिए गिरोह के सदस्य खुद को कंपनी का टॉप बॉस बताकर लोगों से बात करते थे।
एसीपी ने कहा, जिन बैंक खातों में गिरोह ने पीड़ितों से पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहते थे, वे सभी महाराष्ट्र, दिल्ली या बेंगलुरु जैसे महानगरों में स्थित हैं।
उन्होंने कहा, हम मामले के बारे में और जानने के लिए तीनों को रिमांड पर लेंगे।
गिरोह के दो और सदस्य कन्हैया कुमार और सुमन कुमार फरार हैं।
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Source : IANS