2 जी घोटाले की सुनवाई कर रहे जज ओ पी सैनी ने कहा कि 7 साल लगातार इस मामले पर 'पूरे मनोयोग' से जुड़ा रहा लेकिन सीबीआई ने कोई भी ऐसा तथ्य नहीं रखा जो 'कानूनी तौर' कोर्ट में ठहर सके।
इस मामले के मुख्य आरोपी और पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और डीएमके की सांसद कनिमोझी और दूसरे आरोपियों को इस मामले में कोर्ट ने बरी कर दिया है। जिसमें कई उद्यमी भी शामिल हैं। इस मामाले की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय दोनों कर रहे हैं।
1,552 पन्नों का फैसला सुनाने के दौरान जस्टिस सैनी ने कहा, 'मैं ये भी जोड़ना चाहता हूं कि पिछले सात साल से सभी वर्किंग डेज़ को जिसमें गर्मी की छुट्टियां भी शामिल हैं, मैंने पूरे मनोयोग से कोर्ट में 10 बजे से शाम 5 बजे तक बैठा रहा कि कोई इस मामले से जुड़े कानूनी तौर पर ठोस तथ्य लेकर आएगा। लेकिन सब बेकार गया।'
14 मार्च 2011 के दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस मामले की सुनवाई के लिये विशेष अदालत गठित की गई थी। जिसमें इस मुद्दे से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई की जा रही थी।
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2 जी मामले जिसमें ए राजा, कनीमोझी और अन्य पर आरोप था पर फैसला सुनाने के दौरान जस्टिस सैनी ने कहा, ''कोई भी व्यक्ति नहीं आया। इससे संकेत मिलते हैं कि हर कोई आम लोगों की अवधारणा को लेकर चल रहा था जो अफवाह, चर्चाओं और अटकलबाजी पर आधारित था। लेकिन कोर्ट में ऐसी चीज़ों के लिये कोई जगह नहीं है।'
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Source : News Nation Bureau