Advertisment

2जी स्पेक्ट्रम मामला: केजरीवाल ने पूछा, क्या सीबीआई ने जानबूझकर जांच में गड़बड़ी की?

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि 2जी घोटाला देश के सबसे बड़े घोटालों में से एक था और लोग जानना चाहते हैं कि इसका जिम्मेदार कौन था।

author-image
Jeevan Prakash
एडिट
New Update
2जी स्पेक्ट्रम मामला: केजरीवाल ने पूछा, क्या सीबीआई ने जानबूझकर जांच में गड़बड़ी की?

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो-PTI)

Advertisment

कथित 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला एक बार फिर करीब 7 साल बाद भारतीय राजनीति के केंद्र में आ गया है। गुरुवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने कथित घोटाले के आरोप में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राज, डीएमके सांसद कनिमोझी समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया।

2जी पर कोर्ट के फैसले से कांग्रेस उत्साहित है जो 2014 में उसके पतन का प्रमुख कारण था। सड़क से लेकर संसद तक कांग्रेस इसे बीजेपी के खिलाफ लड़ाई के लिए संजीवनी के तौर पर देख रही है।

वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार की स्पेक्ट्रम आवंटन नीति 'भ्रष्ट और बेईमान' थी।

बीजेपी-कांग्रेस के अलावा दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और एआईएडीएमके ने भी इसपर प्रतिक्रिया दी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि 2जी घोटाला देश के सबसे बड़े घोटालों में से एक था और लोग जानना चाहते हैं कि इसका जिम्मेदार कौन था।

और पढ़ें: कोर्ट ने कहा- 2G घोटाला नहीं हुआ, कांग्रेस ने BJP से की माफी की मांग

केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, 'इसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था और संप्रग के पतन के कारणों में से एक था। आज हर कोई बरी है। क्या सीबीआई ने मामले में गड़बड़ी की? जानबूझकर? लोग इसका जवाब चाहते हैं।'

जानेमाने वकील और स्वराज अभियान के संस्थापक प्रशांत भूषण ने 2जी घोटाले के सभी आरोपियों के बरी होने को 'काफी गलत' करार दिया और कहा कि इससे यह संकेत मिलता है कि प्रभावशाली लोग देश की न्यायिक प्रणाली के प्रति जवाबदेह नहीं हैं।

उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'बेनामी लाइसेंसों, पहले-आओ-पहले-पाओ प्रणाली में सांठगांठ और मामले में रिश्वत के काफी सबूत थे। शर्म आनी चाहिए।'

वहीं तमिलनाडु में सत्तारूढ़ और डीएमके की धुर विरोधी ऑल इंडिया अन्नाद्रमुक द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) ने कहा कि सीबीआई को इस मामले में हाईकोर्ट में अपील करना चाहिए।

राज्य के मछली पालन मंत्री डी जयकुमार ने कहा, 'यह अंतिम फैसला नहीं है। यह अपील के लिए उपयुक्त है। हमें उम्मीद है कि अच्छा फैसला आएगा।'

आपको बता दें कि दिल्ली स्थित सीबीआई की विशेष अदालत के जज ओ.पी. सैनी ने गुरुवार को 2जी मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि कि सात वर्ष तक सबूत का इंतजार करना 'बेकार' हो गया क्योंकि यह मामला मुख्यत: 'अफवाह, चर्चा और अटकलों' पर आधारित था।

सैनी साल 2011 की शुरुआत से 2जी मामले के सभी मुकदमों का निरीक्षण कर रहे हैं।

सैनी ने अपने 1552 पन्नों के फैसले में कहा, 'अंतिम सात वर्षो में, गर्मी की छुट्टी समेत सभी कार्यदिवसों पर, मैं सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक, इस मामले में किसी के द्वारा कुछ कानूनी तौर पर मान्य सबूत के साथ आने का इंतजार करता रहा, लेकिन सब बेकार हो गया।'

2जी मामले में बरी होने पर पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा ने कहा कि वे निर्दोष थे और उन पर 200 करोड़ रुपये की रिश्वत लेकर साल 2008 में स्पेक्ट्रम आवंटन का आरोप गलत था।

और पढ़ें: राजा ने कहा, क्रांति लाने वाले को अपराधी कहा गया

राजा को इस कथित आरोप में 15 महीने की जेल की सजा काटनी पड़ी। उन्होंने आरोप लगाया कि 'निहित स्वार्थो ने उनके खिलाफ आरोपों को मीडिया का फायदा उठाकर सनसनीखेज बनाया और नकली आरोप मढ़े'।

डीएमके की सांसद कनीमोझी ने कहा कि यह उनकी पार्टी के एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि 'न्याय की जीत हुई है।'

2 जी पर फैसले के बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि, 'मैं इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता। मुझे लगता है कि अदालत के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए और मुझे खुशी है कि अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि यह सब बिना किसी आधार के यूपीए के खिलाफ किया गया सबसे बड़ा दुष्प्रचार था।'

और पढ़ें: संसद में अगले हफ्ते पेश किया जाएगा तीन तलाक के खिलाफ बिल

Source : News Nation Bureau

2G Scam verdict cbi Prashant Bhushan arvind kejriwal AIADMK
Advertisment
Advertisment
Advertisment