शाहीन बाग में पिछले एक महीने से नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है. प्रदर्शनकारियों ने अब भारत बंद का आह्वान किया है. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने 29 जनवरी को भारत बंद बुलाया है. साथ ही प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि हमें कोई ताकत यहां से हटा नहीं सकती है. प्रदर्शनकारी यहां से हटने को बिल्कुल तैयार नहीं है. हालांकि इस प्रदर्शन से काफी लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कई लोग सुप्रीम कोर्ट में प्रदर्शन के खिलाफ याचिका दायर कर चुके हैं.
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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली पुलिस को उचित कार्ऱवाई करने के निर्देश दिए थे. वहीं प्रदर्शन में बच्चों के शामिल होने पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए जिला अधिकारी से 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट मांग ली है. लेकिन प्रदर्शनकारी हैं कि मानते नहीं, उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि दुनिया की कोई ताकत यहां से नहीं हटा सकते. वहीं अन्य लोगों की आस थी कि अब प्रदर्शन खत्म हो जाएगा, लेकिन प्रदर्शनकारी एक कदम आगे बढ़ते हुए भारत बंद का आह्वान कर दिया.
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वहीं इससे पहले 8 जनवरी को श्रमिक संगठनों द्वारा देशव्यापी भारत बंद बुलाया गया था. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा), अन्य वामपंथी दलों और बंद का आह्वान करने वाले ट्रेड यूनियनों के नेता अपनी-अपनी पार्टियों के झंडे के साथ सड़कों पर प्रदर्शन करते नजर आए. उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार की 'जन-विरोधी' और 'मजदूर-विरोधी' नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की थी.
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वहीं प्रदर्शनकारियों में शामिल मुस्लिम व अन्य अल्पसंख्यक कार्यकर्ताओं ने भी नागरिकता कानून को रद्द करने की मांग की. उन्होंने एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ भी नारेबाजी की. विशाखापत्तनम स्टील प्लांट (वीएसपी) में भी ट्रेड यूनियनों के नेताओं के साथ हड़ताली कर्मचारियों और वाम दलों के नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. ट्रेड यूनियनों का दावा है कि स्टील प्लांट के 30,000 कर्मचारी 'भारत बंद' में हिस्सा लिए थे.
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प्रदर्शनकारियों ने 'पोस्को गो बैक' के भी नारे लगाए. उनका कहना है कि सरकार दक्षिण कोरियाई स्टील निर्माता पोस्को के साथ संयुक्त उद्यम की आड़ में वीएसपी का निजीकरण करने की योजना बना रही थी, जिसे वे रद्द करने की मांग कर रहे थे. वाम दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विजयवाड़ा, गुंटूर और अंगोल में आरटीसी सेवाओं को बाधित करने की कोशिश की. वाम दलों और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने विजयवाड़ा-हैदराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम किया. भाकपा के राज्य सचिव के. रामकृष्ण पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों में शामिल थे. वहीं रामकृष्ण ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी की निंदा की.