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बीते तीन साल में मोदी के विदेश दौरों के लिए चार्टर्ड उड़ानों पर 255 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए

विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बुधवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी

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Drigraj Madheshia
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बीते तीन साल में मोदी के विदेश दौरों के लिए चार्टर्ड उड़ानों पर 255 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए

पीएम नरेंद्र मोदी( Photo Credit : फाइल)

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बीते तीन साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरों के लिए चार्टर्ड उड़ानों पर 255 करोड़ रुपये से अधिक राशि खर्च हुई.विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बुधवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी.उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरों के लिए चार्टर्ड उड़ानों पर 2016-17 में 76.27 करोड़ रुपये तथा 2017-18 में 99.32 करोड़ रुपये खर्च हुए.मुरलीधरन ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरों के लिए चार्टर्ड उड़ानों पर 2018-19 में 79.91 करोड़ रुपये खर्च हुए.2019-20 के लिए बिल अभी प्राप्त नहीं हुआ है.

वहीं गुरुवार को राज्‍य सभा में प्रदूषण पर खूब चर्चा हुई. विभिन्न सदस्यों ने मंत्री से स्पष्टीकरण पूछा और कहा कि प्रदूषण के लिए किसानों को दोषी ठहराना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि किसानों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए कि वे पराली नहीं जलाएं. चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आाजाद ने कहा कि प्रदूषण एक ऐसा मुद्दा है जिस पर संसद या सर्वदलीय बैठक में चर्चा करने मात्र से काम नहीं चल सकता.

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उन्होंने सुझाव दिया कि पर्यावरण मंत्री इस सदन की ओर से प्रधानमंत्री से यह अनुरोध करें कि वे प्रदूषण के मुद्दे और इससे निपटने के लिए मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन बुलायें. उन्होंने कहा कि इससे इस समस्या के समाधान पर ठोस तरह से काम करना होगा क्योंकि राज्य स्तर पर ही इन उपायों को लागू करना है. कांग्रेस पार्टी के मोहम्मद अली खान ने आजाद के सुझाव का समर्थन करते हुए कहा कि इस समस्या का समाधान की शुरूआत ब्लाक स्तर से की जानी चाहिए. सपा की जया बच्चन ने कहा कि प्रदूषण के मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि जिस प्रकार इंग्लैंड और आयरलैंड ने पर्यावरण आपातकाल घोषित कर दिया है वैसे ही हमें वर्तमान समस्या से निपटने के लिए पर्यावरण आपातकाल घोषित करना चाहिए. कांग्रेस की कुमारी शैलजा ने कहा कि सरकार की आदत सबकुछ ठीक बताने की है लेकिन वास्तविक स्थिति बहुत खराब है. उन्होंने कहा कि न सिर्फ दिल्ली बल्कि पूरे उत्तर भारत में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो चुकी है.

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उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण के लिए सबसे ज्यादा किसानों को दोषी ठहराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि किसानों को पराली जलाने की जरूरत इसलिए पड़ती है क्योंकि दूसरा कोई विकल्प नहीं है.इसके लिए उनके सामने कोई प्रौद्योगिकी नहीं है. उन्होंने कहा कि पराली को मनरेगा से जोड़ा जाना चाहिए. भाजपा के विजय गोयल ने आप नीत दिल्ली सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह हाथ पर हाथ रखकर बैठी है और उसने कोई काम नहीं किया है. इस वजह से स्थिति गंभीर हो गयी है.

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आप सदस्यों की टोकाटाकी के बीच उन्होंने आरोप लगाया कि 50 लाख मास्क बांटे गए और उसमें भी भ्रष्टाचार हुआ है. उन्होंने समाचार पत्र आदि दिखाने का भी प्रयास किया लेकिन उपसभापति हरिवंश ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी. राजद के मनोज कुमार झा ने कहा कि पराली लंबे समय से जलायी जाती रही है. लेकिन अब उन्हें ही दोषी बताया जाने लगा है. उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने से दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण होने के संबंध में कोई अध्ययन नहीं कराया गया है.

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जदयू के कहकशां परवीन ने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए बिहार सरकार द्वारा शुरू किए गए हरियाली मिशन का उल्लेख किया और कहा कि प्रदेश सरकार की पहलों के कारण राज्य में हरित क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हुयी है. भाजपा सदस्यों की टोकाटोकी के बीच आप के संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली सरकार के प्रयासों से स्थिति में सुधार हुआ है और हरित क्षेत्र में भी वृद्धि हुयी है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के सदस्य प्रदूषण पर काबू के लिए शुरू की गयी सम-विषम सहित विभिन्न योजनाओं का विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि मंत्री के बयान में कहा गया है कि पराली प्रबंधन के लिए 56 हजार से अधिक मशीनों की आपूर्ति की गयी है जबकि उच्चतम न्यायालय में इस संबंध में अलग आंकड़ा दिया गया है.

Source : Bhasha

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