नोटबंदी के बाद कर चोरी कर रहे लोगों को लेकर कई तरह के खुलासे हुए हैं। देश भर में मात्र 24 लाख लोग हैं जिनकी आय 10 लाख रुपये से अधिक है लेकिन हर साल 25 लाख कार की बिक्री होती है। जिसमें 35,000 महंगी लग्जरी गाड़ियां शामिल है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'भारत में सिर्फ 24.4 लाख करदाताओं ने अपनी वार्षिक आय 10 लाख रुपये से अधिक घोषित की है, लेकिन देश में हर साल 25 लाख नई कारों की खरीद होती है। जिसमें 35 हजार के करीब लग्जरी गाड़ियां (बीएमडब्ल्यू, जगुआर, ऑडी, मर्सेडीज और पॉर्श) है। बीते करीब 5 सालों का लगभग यही आंकड़ा है।'
अधिकारी ने कहा कि देश में ऐसे बहुत से लोग हैं जिनकी आय अधिक है, लेकिन वे टैक्स के दायरे से बाहर हैं।
आयकर विभाग के अधिकारी ने कहा, 'आयकर रिटर्न फाइल करने वाले 3.65 करोड़ लोगों में से सिर्फ 5.5 लाख लोगों ने 5 लाख रुपये से अधिक का टैक्स चुकाया। यह कुल टैक्स का करीब 57 पर्सेंट हिस्सा था। यानि कि आयकर रिटर्न फाइल करने वाले लोगों में से महज 1.5 प्रतिशत ही सरकार को प्राप्त कुल टैक्स का 57 पर्सेंट हिस्सा अदा करते हैं।'
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अधिकारी ने कहा कि यदि टैक्स रिटर्न के आंकड़ों की कारों की खरीद से तुलना करें तो यह चौंकाने वाला है। उन्होंने कहा, 'बीते 5 सालों (2011 से) में हर वर्ष औसतन 25 लाख कारों की खरीद की गई है। पिछले 3 सालों में कार सेल का आंकड़ा 25.03 लाख, 26 लाख और 27 लाख रुपये रहा है।'
आयकर विभाग के मुताबिक देश में सिर्फ 48,417 लोगों ने अपनी सालाना आय 1 करोड़ रुपये से अधिक बताई है। आंकड़ों के मुताबिक आयकर रिटर्न फाइल करने वाले लोगों में से 5.32 लाख की आय 2 लाख रुपये सालाना से भी कम थी।
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HIGHLIGHTS
- 24.4 लाख करदाताओं ने वार्षिक आय 10 लाख रुपये से अधिक घोषित की
- पिछले पांच साल से हर साल 25 लाख नई कारों की खरीद होती है
- IT ने कहा, बहुत से लोग हैं जिनकी आय अधिक है, लेकिन वो टैक्स दायरे से बाहर हैं
Source : News Nation Bureau