धुले हत्याकांड: मर्डर के विरोध में परिजनों ने शव लेने से किया इनकार

बेरहमी से पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिए गए पांच लोगों के परिवारों ने सोमवार को उनके शवों को लेने से मना कर दिया है।

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abhiranjan kumar
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धुले हत्याकांड: मर्डर के विरोध में परिजनों ने शव लेने से किया इनकार

अपहरणकर्ता होने के संदेह पर यहां रविवार को बेरहमी से पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिए गए पांच लोगों के परिवारों ने सोमवार को उनके शवों को लेने से मना कर दिया और न्याय व मुआवजे की मांग की। कांग्रेस ने घटना को रोकने में विफल रहने पर बीजेपीनीत सरकार और पुलिस पर निशाना साधा और उन्हें घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया।

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रविवार दोपहर, 'नाथ गोसावी' नाम के एक खानाबदोश समुदाय से संबंधित करीब आधा दर्जन भिक्षुकों का एक समूह रेनपाड़ा जनजातीय गांव में एक राज्य परिवहन निगम की बस से उतरा था।

उन्हें बच्चे चुराने वाला समझकर बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने उनके ऊपर डंडे, पत्थरों से हमला कर दिया और उन्हें ग्राम पंचायत कार्यालय के समीप जान से मार डाला।

एक अधिकारी ने कहा कि उनके शवों को पोस्टमार्टम के लिए पिंपालनेर अस्पताल भेजा गया। पुलिस ने करीब दो दर्जन संदिग्धों को पकड़ा है। घटना की निंदा करते हुए कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अशोक चव्हाण ने सोमवार को कहा, 'महाराष्ट्र में नियम कानून है या नहीं, या यहां जंगलराज चल रहा है?'

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सप्ताह में औरंगाबाद समेत पूरे महाराष्ट्र में इस तरह की कई घटनाएं हुई हैं। जलना में स्थानीय बीजेपी विधायक कुछ लोगों पर इसी तरह के हमले में संलिप्त था।

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धुले की घटना में मारे गए लोग कहा जा रहा है कि साप्ताहिक ग्राम बाजार के लिए आए थे और वह आस-पास घूम रहे थे। उनमें से एक बच्ची से बात कर रहा था कि तभी कुछ लोगों ने उसे अपहरणकर्ता समझ लिया और भीड़ को बुला लिया, जिसके बाद उनके ऊपर बेरहमी से हमला किया गया।

गंभीर चोटों के कारण जान गंवाने वालों की पहचान भरत शंकर भोसले, दादाराव शंकर भोसले, भरत शंकर मालवे, अगनु इंगोले और राजू भोसले के रूप में हुई है।

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मृतकों के परिवारों ने सोमवार को घटना में शामिल अपराधियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की मांग करते हुए धरना दिया और उचित मुआवजे की मांग की।

नाथ गोसावी समुदाय के सदस्यों ने मृतकों के लिए न्याय और इस जघन्य अपराध के लिए अपराधियों को दंड देने की मांग करते हुए सातारा जिला कलेक्टरेट कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

गृह राज्य मंत्री दीपक केसरकर ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया और सोशल मीडिया पर प्रचारित अफवाहों से भरी पोस्ट पर विश्वास नहीं करने का आग्रह किया। केसरकर ने घटना के बाद रेनपाड़ा गांव का दौरा किया था।

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Source : IANS

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