नई दिल्ली:
गुजरात दंगा कें दौरान गुलबर्ग सोसाइटी में हुई हत्या के मामले में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट बरकरार रहेगी। हाईकोर्ट ने गुरुवार को जाकिया जाफरी की याचिका खारिज कर दिया। याचिका पर 3 जुलाई को सुनवाई पूरी कर ली गई थी।
हालांकि हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ऊपरी अदालत में अपील कर सकते हैं।
2002 में हुए गुजरात दंगों के दौरान मारे गए कांग्रेस के सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया और तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ ‘सिटीजन फार जस्टिस एंड पीस’ ने दंगों के कुछ आरोपियों को क्लीनचिट दिये जाने के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी।
जाकिया ने अपनी याचिका में पीएम मोदी (दंगों के दौरान वो राज्य के सीएम थे) समेत दूसरे लोगों को विशेष जांच दल (एसआईटी) से मिली क्लीनचिट का विरोध किया था।
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याचिका में मांग की गई कि मोदी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों एवं नौकरशाहों सहित 59 अन्य को साजिश में कथित रूप से शामिल होने के लिए आरोपी बनाया जाए। इस मामले की नए सिरे से जांच के लिए हाईकोर्ट के निर्देश की भी मांग की गई थी।
2002 Gulbarg riots case: Zakia Jafri's petition rejected by Gujarat High Court
— ANI (@ANI) October 5, 2017
एसआईटी से क्लीनचिट मिलने के बाद जाकिया जाफरी ने दिसंबर 2013 में जिला अदालत में याचिका दाखिल की थी और क्लीनचिट का विरोध किया था।
जिला अदालत ने याचिका खारिज कर दिया था। जिसके बाद जाफरी ने 2014 में हाईकोर्ट का रुख किया था।
28 फरवरी, 2002 को गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में गुलबर्ग सोसायटी में भीड़ ने जाफरी समेत करीब 68 लोगों की हत्या कर दी थी।
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