लाभ का पद के मामले में चुनाव आयोग की तरफ से आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द किए जाने की चुनाव आयोग की सिफारिश को राष्ट्रपति ने मंजूर कर लिया है।
राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ ही 70 सीटों वाले विधानसभा में आम आदमी पार्टी के विधायकों की संख्या 66 से घटकर 46 हो गई है। सदन में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कुल 4 सदस्य हैं।
राष्ट्रपति के इस फैसले के बाद दिल्ली का सियासी तापमान बढ़ गया है। आम आदमी पार्टी के साथ बीजेपी और कांग्रेस ने जहां उप-चुनावों की संभावना को देखते हुए तैयारियां शुरू कर दी है वहीं कुछ विशेषज्ञों के मुताबिक आम आदमी पार्टी के पास अभी भी कानूनी विकल्प है।
विधायकों की सदस्यता रद्द होने के बाद इन विकल्पों को आजमाया जा सकता है।
1. उम्मीद के मुताबिक आम आदमी पार्टी चुनाव आयोग के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देगी। पार्टी लगातार कहती रही है कि चुनाव आयोग ने उसके पक्ष को सुने बिना ही विधायकों की सदस्यता रद्द किए जाने की सिफारिश कर दी।
गौरतलब है कि जब चुनाव आयोग ने इन विधायकों की सदस्यता को रद्द किए जाने की सिफारिश की थी, तब आम आदमी पार्टी ने इस पर रोक लगाने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन पार्टी को वहां कोई राहत नहीं मिली।
2. अगर हाई कोर्ट से पार्टी को राहत नहीं मिलती है तो दिल्ली की इन 20 सीटों पर फिर से विधानसभा चुनाव होंगे।
हालांकि चुनाव की स्थिति पार्टी के लिए बहुत मुश्किल होगी। गौरतलब है कि राजौरी गार्डेन सीट पर हुए उप-चुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था।
वहीं बीजेपी और कांग्रेस इन सीटों पर जीत के लिए पूरी ताकत लगा देंगी। साफ शब्दों में कहा जाए तो केजरीवाल के लिए इन सभी सीटों पर पहले की तरह प्रदर्शन उतना आसान नहीं होगा।
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20 विधायकों की सदस्यता रद्द होने के बाद भी दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार पर कोई खतरा नहीं है। 70 सीटों वाले विधानसभा में पार्टी के कुल 66 विधायक हैं, जिनमें से 20 की सदस्यता रद्द होने के बाद भी पार्टी के पास सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत 36 से अधिक सदस्य हैं।
2015 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में प्रचंड बहुमत हासिल करते हुए 67 सीटों पर कब्जा किया था जबकि बीजेपी को कुल 3 सीटें मिली थीं। वहीं कांग्रेस इसस चुनाव में एक भी सीट पर अपना खाता नहीं खोल पाई थी।
हालांकि मई 2017 में राजौरी गार्डेन और बवाना विधानसभा पर हुए उप-चुनाव में जहां राजौरी गार्डेन में आम आदमी पार्टी को हराकर बीजेपी ने इस सीट पर कब्जा कर लिया था।
वहीं बवाना सीट आप के खाते में बनी रही। इन उप-चुनावों के बाद विनसभा में आप के कुल सदस्यों की संख्या घटकर 66 हो गई जबकि बीजेपी के विधायकों की कुल संख्या बढ़कर 4 हो गई।
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HIGHLIGHTS
- लाभ का पद के मामले में आप के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द
- चुनाव आयोग के फैसले को कोर्ट में चुनौती दे सकती है आम आदमी पार्टी
- अदालत से राहत नहीं मिलने की स्थिति में दिल्ली की 20 सीटों पर होंगे चुनाव
Source : News Nation Bureau