लालू यादव के दोनों सेवकों को जेल से रिहा कर दिया जाएगा। दरअसल कथित साजिश के तहत उन पर झूठी एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा गया था और अब झूठा मामला दर्ज करने वाले के खिलाफ पुलिस केस दर्ज करने की तैयारी कर रही है।
दरअसल मंगलवार को चारा घोटाला मामले में साढ़े तीन साल जेल की सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव के दो सहयोगी होटवार स्थित बिरसा मुंडा जेल में उनकी सेवा के लिए पहुंचे थे।
उनके खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज कराई गई थी और उसके आधार पर उन्हें कोर्ट ने जेल भेज दिया था।
चाचा मदन पर मारपीट और लूटपाट करने का आरोप उसके ही सगे भतीजे सुमित ने लगाया और एफआईआर भी दर्ज कराई। लेकिन जजांच में पता चला कि ये झूठा मामला था।
पुलिस का कहना है कि इन लोगों ने सरेंडर किया था और उसके बाद इन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इस मामले की जांच की जा रही है।
इस खुलासे के बाद अब लालू के दोनों सहयोगियों लक्ष्मण और मदन को जेल से रिहा किया जाएगा। लेकिन इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।
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लक्ष्मण और मदन के खिलाफ मारपीट करने और दस हजार रुपये छीन लेने का आरोप सुमित नामक शख्स ने लगाया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। ये दोनों शख्स रांची के ही रहने वाले हैं।
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Source : News Nation Bureau