दो आईपीएस ऑफिसर को हटाया
गृह मंत्रालय ने रविवार को छत्तीसगढ़ में दो आईपीएस ऑफिसर को अपनी ड्यूटी ठीक से नहीं निभाने की वजह से बर्खास्त कर दिया गया है।
अनिवार्य सेवानिवृत्ति पाने वाले आईपीएस अधिकारी हैं ए.एम. जूरी और के.सी. अग्रवाल। जानकारी मिली है कि भारत सरकार से मिले निर्देश के बाद राज्य सरकार ने शनिवार की देर शाम बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दोनों को नौकरी से हटा दिया।
इस बाबत जब एडीजी प्रशासन संजय पिल्लै से पूछा गया तो ने उन्होंने दो टूक कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ भी पता नहीं है।
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या केंद्र सरकार का ये ऑर्डर हवा में उड़कर आया है? क्या ऐसे ही योग्य अफसरों के भरोसे चल रहा है छत्तीसगढ़ का पुलिस मुख्यालय?
2 IPS officers sacked in #Chhattisgarh for non-performance: Home Ministry
— Press Trust of India (@PTI_News) August 6, 2017
इस मामले के बाद ही एक्शन में आई राज्य सरकार ने सोशल साइट पर नक्सल समर्थित पोस्ट करने के चलते बलौदाबाजार के सहायक जेल अधीक्षक दिनेश ध्रुव को निलंबित कर दिया है।
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ए.एम. जूरी और के.सी. अग्रवाल वर्ष 2000 बैच के आईपीएस हैं। दोनों के खिलाफ लंबे अरसे से डीई की कार्रवाई चल रही थी। इन दोनों के खिलाफ पुलिस मुख्यालय ने तो कोई कदम नहीं उठाया, लेकिन कैडर रिव्यू के बाद दोनों पर कार्रवाई की गई है।
जूरी पर आरोप है कि वह जब बिलासपुर में पुलिस अधीक्षक थे, उस दौरान उन्होंने अपनी पहली पत्नी और बच्चे के रहते दूसरी शादी कर ली। वह पहली पत्नी को छोड़कर नई पत्नी के साथ रहने लगे। पहली पत्नी की शिकायत पर डीजीपी ओ.पी. राठौर ने बिलासपुर के तत्कालीन आईजी डी.एस. राजपाल से इस मामले की जांच कराई।
राजपाल ने इसके हर पहलू की जांच की और जूरी को दोषी पाया। अपनी रिपोर्ट में उन्होंने जूरी पर लगे सभी आरोपों को सही ठहराया था।
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इसी तरह आईपीएस अफसर के.सी. अग्रवाल वर्ष 2006 में जब सूरजपुर के पुलिस अधीक्षक थे, तो इन पर 'कोयला चोरी' का आरोप लगा था। आरोप यह भी था कि अग्रवाल ने न सिर्फ चोरों को शह दे रखी है, बल्कि अवैध कोयला कारोबार को फलने-फूलने में मदद भी कर रहे हैं। अग्रवाल के खिलाफ भी लंबे समय से डिपार्टमेंटल इन्क्वायरी चल रही थी।
जूरी जहां बालोद और बलौदाबाजार जिले के एसपी रह चुके हैं, वहीं अग्रवाल जशपुर और सूरजपुर जिला के एसपी के साथ-साथ रेलवे के एसपी भी रह चुके हैं।
राज्य सरकार ने बलौदाबाजार के सहायक जेल अधीक्षक दिनेश ध्रुव को सोशल मीडिया में नक्सली समर्थक पोस्ट करने के आरोप में निलंबित कर दिया है। सरकार इसके पहले भी रायपुर केंद्रीय जेल की पूर्व सहायक जेल अधीक्षक वर्षा डोंगरे के खिलाफ ऐसे ही एक मामले में कार्रवाई कर चुकी है। इसे लेकर भारी बवाल मचा था, लेकिन एक और सहायक जेल अधीक्षक दिनेश ध्रुव ने कुछ इसी तरह का पोस्ट करके सनसनी फैला दी थी।
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बता दें कि इससे पहले इसी साल जनवरी महीने में भी छत्तीसगढ़ के दो आईपीएस ऑफिसर को अपने ख़राब काम-काज की वजह से ही हटा दिया गया था। हटने वाले ऑफिसर में से एक छत्तीसगढ़ से 1992 बैच के अधिकारी राजकुमार देवांगन थे तो दूसरे मयंकशील चौहान जो एजीएमयूटी कैडर 1998 बैच के थे।
मोदी सरकार ने इसी साल एक नोटिफिकेशन जारी किया था जिसके मुताबिक वैसे अधिकारी जिन्होंने अपने सर्विस के 15 साल, 25 साल पूरे कर लिए हैं या जिनकी उम्र 50 साल हो चुकी है उनके काम-काज की समीक्षा की जाएगी और अगर उनका काम संतोषजनक नहीं पाया गया तो उन्हें नौकरी से मुक्त कर दिया जाएगा।
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Source : News Nation Bureau