भारत की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना की पहली दो इकाइयां अगले साल होंगी चालू

भारत की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना की पहली दो इकाइयां अगले साल होंगी चालू

भारत की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना की पहली दो इकाइयां अगले साल होंगी चालू

author-image
IANS
New Update
1t two

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

राज्य के स्वामित्व वाली एनएचपीसी की सुबनसिरी लोअर हाइड्रो-इलेक्ट्रिक परियोजना की पहली दो इकाइयां- 500 मेगावाट उत्पादन क्षमता अरुणाचल प्रदेश और असम की सीमा पर स्थापित की जा रही हैं। यह अगले साल अगस्त तक चालू हो जाएंगी और कार्यक्रम के अनुसार परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा। अधिकारियों ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।

Advertisment

नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन(एनएचपीसी) के अध्यक्ष सह-प्रबंध निदेशक ए.के. सिंह ने परियोजना के निर्माण में प्रगति के बारे में ऊर्जा संबंधी संसदीय स्थायी समिति (2021-22) को अवगत कराया।

अरुणाचल प्रदेश और असम की सीमा पर उत्तरी लखीमपुर के पास स्थित 2,000 मेगावाट क्षमता की सुबनसिरी लोअर जलविद्युत परियोजना, भारत में अब तक की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना है।

कार्यकारी निदेशक, सुबनसिरी लोअर एचई प्रोजेक्ट विपिन गुप्ता ने कोविड-19 महामारी और इससे जुड़ी बाधाओं, अचानक बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा के कारण परियोजना के सामने आने वाली कठिनाइयों के बावजूद निर्बाध निर्माण गतिविधियों से अवगत कराया।

इसके अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह की अध्यक्षता वाली संसदीय स्थायी समिति ने एनएचपीसी के वरिष्ठ प्रबंधन के साथ समीक्षा बैठक की, जिसमें निगम द्वारा किए गए कार्यों की स्थिति पर विवरण प्रस्तुत किया गया।

सिंह ने परियोजना टीम की कड़ी मेहनत और अब तक प्राप्त प्रगति की सराहना की। स्थायी समिति के सदस्यों ने परियोजना के डाउनस्ट्रीम क्षेत्रों में सुअर पालन, रेशम उत्पादन और हथकरघा के क्षेत्र में एनएचपीसी द्वारा शुरू किए गए आजीविका हस्तक्षेप के लिए पंजीकृत किसान उत्पादक कंपनियों द्वारा आयोजित एक प्रदर्शनी का भी दौरा किया।

उन्होंने डाउनस्ट्रीम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए स्थायी आजीविका की दिशा में एनएचपीसी के प्रयासों और पहल की सराहना की।

सुबनसिरी लोअर परियोजना का मूल कार्य 2006 में शुरू किया गया था और एक साल से अधिक समय पहले कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान फिर से शुरू किया गया था, जिसे 2011 में विभिन्न स्थानीय संगठनों द्वारा पारिस्थितिक क्षति और आजीविका के नुकसान की आशंकाओं के विरोध के बाद रोक दिया गया था।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
Advertisment