लोकसभा के 4 सांसदों के खिलाफ कार्रवाई के एक दिन बाद मंगलवार को राज्यसभा में विपक्षी दलों के 19 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है. इन सांसदों को संसद का सत्र बाधित करने के आरोप में इस हफ्ते के बचे हुए दिन तक के लिए राज्यसभा से निलंबित किया गया है. सांसदों के निलंबन पर सफाई देते हुए केंद्रीय वाणिज्य मंत्री और राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा है कि विपक्षी सांसदों को राज्यसभा से निलंबित करने का निर्णय भारी मन से लेना पड़ा. उन्होंने आरोप लगाया कि निलंबित सांसद सभापति की अपीलों की अनदेखी करते रहे. गोयल ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ठीक होने और संसद में लौटने के बाद सरकार महंगाई पर बहस के लिए तैयार है.
इन राज्यसभा सांसदों को किया गया निलंबित
सुष्मिता देव, तृणमूल कांग्रेस
मौसम नूर, तृणमूल कांग्रेस
शांता छेत्री, तृणमूल कांग्रेस
डोला सेन, तृणमूल कांग्रेस
शांतनु सेन, तृणमूल कांग्रेस
अभिरंजन बिस्वर, तृणमूल कांग्रेस
मोहम्मद नदीमुल हक, तृणमूल कांग्रेस
एम हमाम अब्दुल्ला, DMK
बी लिंगैया यादव, तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS)
ए.ए. रहीम, माकपा
रविहंद्र वाद्दीराजू, टीआरएस
एस कल्याणसुंदरम, डीएमके
आर गिररंजन, डीएमके
एनआर एलंगो, डीएमके
वी शिवदासन, माकपा
एम षणमुगम, द्रमुक
दामोदर राव दिवाकोंडा, टीआरएस
संदोश कुमार पी, भाकपा
कनिमोझी एनवीएन सोमू, डीएमके
इसलिए किया गया निलंबित
दरअसल, राज्यसभा में विपक्षी सांसद पिछले कई दिनों से मूल्य वृद्धि और वस्तु एवं सेवा कर (GST) वृद्धि जैसे मुद्दों पर तत्काल चर्चा की मांग कर रहे थे. विपक्ष की मांग थी कि चर्चा नियम 267 (राज्य सभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियम) के तहत हो. इस नियम के तहत दिन के सूचीबद्ध कारोबार को निलंबित कर उठाए जा रहे मुद्दे को उठाया जाता है. इस मांग को लेकर विपक्षी सांसद सदम में शोरगुल मचा रहे थे, जिससे सदन में व्यवधान उत्पन्न हो रहा था. इसी से आहत होकर सभापति ने 19 विपक्षी सांसदों को मौजूदा सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया.
विपक्ष हुआ आगबबूला
सांसदों के निलंबन से आहत तृणमूल कांग्रेस ने ट्वीट किया कि आप हमें निलंबित कर सकते हैं, लेकिन आप हमें चुप नहीं कर सकते. आगे उन्होंने लिखा कि दयनीय स्थिति . इसके बाद लिखा कि हमारे माननीय सांसद लोगों के मुद्दों को उठाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें निलंबित किया जा रहा है. यह कब तक चलेगा? संसद की पवित्रता से भारी समझौता किया जाता है.
कार्रवाई और बढ़ सकता है विपक्ष का रोष
गौरतलब है कि ये निलंबन की कार्रवाई ऐसे वक्त में की गई है, जब 12 अगस्त को समाप्त होने वाले पूरे मानसून सत्र के लिए इसी तरह की कार्रवाई से निपटने के एक दिन पहले लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला ने की थी. उन्होंने बार-बार की चेतावनी के बावजूद सदन के अंदर तख्तियां रखने के लिए 4 लोकसभा सांसदों को को पूरे सत्र के लिए 4 सांसदों को निलंबित कर दिया था. ऐसे में माना जा रहा है कि इस तरह के फैसले से सरकार के खिलाफ विपक्ष के रोष को और बढ़ाएगी. गौरतलब है कि विपक्ष का आरोप है कि यह सत्तारूढ़ गठबंधन की आर्थिक और सामाजिक नीतियों पर सवाल उठाने वाली आवाजों को बंद करने के प्रयास के तहत ये कार्रवाई की जा रही है.
Source : News Nation Bureau