BSP प्रमुख मायावती के जन्मदिन पर जानें उनके जीवन से जुडे़ अहम पहलू

Mayawati Birthday : know here every thing about bsp supremo mayawati

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yogesh bhadauriya
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BSP प्रमुख मायावती के जन्मदिन पर जानें उनके जीवन से जुडे़ अहम पहलू

15 जनवरी को होता है मायावती का जन्मदिन

मायावती एक भारतीय महिला राजनीतिज्ञ हैं और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमन्त्री रह चुकी हैं. वे बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष हैं, जिसका चुनाव चिन्ह हाथी है. मायावती को भारत की सबसे युवा महिला मुख्यमंत्री के साथ-साथ सबसे प्रथम दलित मुख्यमंत्री भी होने का श्रेय प्राप्त है. वे चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत एक स्कूल शिक्षिका के रूप में की थी, लेकिन कांशीराम की विचारधारा और कर्मठता से प्रभावित होकर उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया. उनका राजनैतिक इतिहास काफी सफल रहा और 2003 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद उन्होंने साल 2007 में फिर से सत्ता में वापसी की. अपने समर्थको में 'बहन जी' के नाम से मशहूर मायावती 13 मई 2007 को चौथी बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री बनीं और पूरे पांच साल तक शासन करने के बाद साल 2012 का चुनाव अपनी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी से हार गयीं.

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मायावती का प्रारंभिक जीवन

मायावती उर्फ़ चंदावती देवी का जन्म 15 जनवरी 1956 को दिल्ली में हुआ था. चंदावती नाम से ही मायावती की पढ़ाई-लिखाई हुई थी, लेकिन जब वे कांशीराम के संपर्क में आईं और सक्रिय राजनीति में भाग लेने लगीं, तब कांशीराम ने उनका नाम मायावती रख दिया. उनकी माता का नाम रामरती और पिता का नाम प्रभु दयाल था. प्रभु दूरसंचार केंद्र में अफसर थे. मायावती के 6 भाई हैं. उन्होंने कालिंदी कॉलेज, दिल्ली, से कला में स्नातक की उपाधि ली और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय से एल.एल.बी और बी. एड भी किया. उनके पिता उन्हें कलेक्टर बनाना चाहते थे और इसके लिए उन्होंने अपना बहुत सारा वक़्त भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी में लगा दिया. इसी दौरान उन्होंने शिक्षिका के रूप में कार्य करना शुरु किया. मायावती के जीवन में कांशीराम के बढ़ते प्रभाव से उनके पिता बिलकुल भी खुश नहीं थे. उन्होंने मायावती को कांशीराम के पद चिह्न पर न चलने की सलाह दी. फिर भी मायावती ने अपने पिता भी बात अनसुनी कर बड़े पैमाने पर कांशीराम द्वारा शुरू किये गए कार्यों और परियोजनाओं से जुड़ गयीं.

मायावती का राजनैतिक जीवन

साल 1984 तक मायावती ने बतौर शिक्षिका काम किया. वे कांशीराम के कार्य और साहस से काफी प्रभावित थी. 1984 में जब कांशीराम ने एक नए राजनैतिक दल ‘बहुजन समाज पार्टी’ का गठन किया तो मायावती शिक्षिका की नौकरी छोड़ कर पार्टी की पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गयीं. उसी साल उन्होंने मुज्ज़फरनगर जिले की कैराना लोक सभा सीट से अपना पहला चुनाव अभियान आरंभ किया. साल 1985 और 1987 में भी उन्होंने लोकसभा चुनाव में कड़ी मेहनत की. आख़िरकार साल 1989 में उनके दल ‘बहुजन समाज पार्टी’ ने 13 सीटों पर चुनाव जीता.

धीरे-धीरे पार्टी की पैठ दलितों और पिछड़े वर्ग में बढ़ती गयी और साल 1995 में वे उत्तर प्रदेश की गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री बनायी गयीं. साल 2001 में पार्टी के संस्थापक कांशीराम ने मायावती को दल के अध्यक्ष के रूप में अपना उत्तराधिकारी घोषित किया. 2002-2003 के दौरान भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन सरकार में मायावती फिर से मुख्यमंत्री चुनी गई. इसके बाद बीजेपी ने सरकार से अपना समर्थन वापिस ले लिया और मायावती सरकार गिर गयी. 

साल 2007 में फिर लौटीं मायावती

सन 2007 के विधानसभा चुनाव के बाद मायावती फिर से सत्ता में लौट आई और भारत के सबसे बड़े राज्य की कमान संभाली. मायावती के शासनकाल के दौरान उत्तर प्रदेश के बाहर बसपा का विस्तार नहीं हो पाया, क्योंकि उनके निरंकुश शासन के चलते ज्यादातर पिछड़े वर्ग के लोगों ने उनसे मुंह मोड़ लिया. मायावती ने अपने कार्यकाल के दौरान दलित और बौद्ध धर्म के सम्मान में कई स्मारक स्थापित किये.

एक नजर में देखें मायावती का जीवन 

1956: दिल्ली में जन्म

1977: शिक्षिका के रूप में करियर की शुरुआत

1984: शिक्षिका की नौकरी छोड़ कर बसपा में प्रवेश और अपने पहले लोक सभा चुनाव अभियान का प्रारंभ

1989: लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने 13 सीटों पर जीत हासिल की

1995: उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री के रूप में चुनी गई

1997: दोबारा मुख्यमंत्री के रूप में चुनी गई

2001: कांशीराम की उत्तराधिकारी घोषित की गई

2002: एक बार फिर उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी

2007: चौथी बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री नियुक्त हुईं

अब एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती उत्तर प्रदेश में होने वाले 2019 के चुनाव के लिए पूरी तैयारी से मैदान में उतरती नजर आ रही हैं. इसके लिए इस चुनाव में सपा-बसपा एक साथ महागठबंधन कर साथ उतर रहे हैं. इसके चलते हाल ही में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ स्थित ताज होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस महागठबंधन की घोषणा की. मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीटों पर सपा और बसपा 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

Source : News Nation Bureau

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