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15 देशों के दूतों के जम्मू-कश्मीर यात्रा के लिए भारत सरकार ने दीं सुविधाएं: रवीश कुमार

अमेरिका, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, बांग्लादेश, मालदीव, मोरक्को, फिजी, नॉर्वे, फिलीपींस, अर्जेंटीना, पेरू, नाइजर, नाइजीरिया, टोगो और गुयाना के दूत जम्मू-कश्मीर की जमीनी हकीकत देखने के लिए वहां पहुंच रहे हैं.

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Ravindra Singh
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15 देशों के दूतों के जम्मू-कश्मीर यात्रा के लिए भारत सरकार ने दीं सुविधाएं: रवीश कुमार

रवीश कुमार( Photo Credit : ट्वीटर)

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में 15 विदेशी दूतों की यात्रा को भारत सरकार द्वारा सुविधाजनक बनाया जा रहा है. आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में वहां की जमीनी हकीकत को देखने के लिए दुनिया के कई देशों के राजदूत वहां पहुंच रहे हैं. आपको बता दें कि अमेरिका, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, बांग्लादेश, मालदीव, मोरक्को, फिजी, नॉर्वे, फिलीपींस, अर्जेंटीना, पेरू, नाइजर, नाइजीरिया, टोगो और गुयाना के दूत जम्मू-कश्मीर की जमीनी हकीकत देखने के लिए वहां पहुंच रहे हैं.

आपको बता दें कि इसके पहले बुधवार को डिप्लोमैटिक सोर्सेस से पता चला था कि भारत विदेशी राजदूतों को कश्मीर की जमीनी हालत दिखाने के लिए उन्हें जल्द ही कश्मीर ले जाएगा. आपको बता दें कि 5 अगस्त 2019 को नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बना दिया जिसके बाद कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा भी हटा लिया गया और जम्मू-कश्मीर को दो राज्यों में बांट दिया गया. जिसके बाद से विपक्ष लगातार जम्मू-कश्मीर को लेकर तरह-तरह के भ्रम फैला रहा था. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी विपक्ष ने कश्मीर को लेकर प्रोपेगंडा फैलाया था, जिसके बाद भारत सरकार ने यह निर्णय लिया है.

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अनुच्छेद 370 के हटने के बाद घुसपैठ में आई कमी
कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटने के बाद पहली बार सरकार ने संसद में इसकी स्थिति को लेकर आंकड़े पेश किए थे. गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में कहा कि अगस्त से अब तक कश्मीर में घुसपैछ के 84 मामले सामने आ चुके हैं. उन्होंने बताया कि 59 आतंकवादियों ने अगस्त से अब तक घुसपैठ की. कश्मीर में धारा-370 हटने के बाद घुसपैठ की घटनाओं में तेजी आई है.

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आरटीआई में हुआ था कश्मीर की स्थितियों का खुलासा
संसद के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने मंगवार को सदन में कहा था कि धारा 370 के हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य हैं. उन्होंने ये भी कहा कि धारा 370 को रद्द करने और प्रदेश से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने के बाद से वहां पुलिस की गोली से एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है. वहीं कश्मीर से धारा 370 हटने के तीन महीने बाद और इससे पहले के आरटीआई के तहत महत्वपूर्ण खुलासे हुए हैं. गृह मंत्रालय ने आरटीआई में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि 370 हटने से तीन महीने पहले 115 आंतकी घटनाएं हुई जबकि ये धारा हटने के बाद 299 आतंकवादी घटनाएं हुई.

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पहले से सुरक्षित हुए हमारे सुरक्षा बल
धारा 370 हटने के बाद हमारे देश के जवान पहले से ज़्यादा सुरक्षित हुए हैं , जहां धारा के हटने से 3 माह पहले तक 15 सुरक्षा बल शहीद हुए थे. वहीं यह संख्या 370 के हटने के तीन माह बाद तक मात्र 3 रह गई. यह खबर कहीं न कहीं भारतीय नागरिकों को सुकून देनी वाली है.

Source : News Nation Bureau

Visit of 15 Foreign enoy Ravish Kumar Jammu and Kashmir Government of India Article 370
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