विभिन्न हाईकोर्टो में भूमि अधिग्रहण के मुआवजे से संबंधित सरकार या भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के खिलाफ कुल 1,457 मामले लंबित हैं, जिनमें अब तक कोई जवाब दाखिल नहीं किया जा सका है। बुधवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी गई।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा, जवाब दाखिल करने में कोई देरी नहीं हुई है। इसलिए जिम्मेदारी तय करने का सवाल ही नहीं उठता।
उन्होंने कहा, हाईकोर्टो के समक्ष लंबित मामलों में निर्धारित समय सीमा के भीतर सरकार या एनएचएआई की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अदालती मामलों को समय पर निपटाने के संबंध में निर्देश और दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें यह निर्देश दिया गया है कि राष्ट्रीय राजमार्गो के विकास और रखरखाव में शामिल एजेंसी का संबंधित फील्ड कार्यालय अदालत में एक उपयुक्त जवाबी हलफनामा दाखिल करेगा। जवाब में कहा गया है कि मामलों की सुनवाई की तारीख से काफी पहले अदालत के समक्ष मामले की सुनवाई की और केंद्र सरकार की ओर से मामले की पैरवी की।
मंत्रालय ने कहा कि भूमि अधिग्रहण मुआवजा विवादों के समाधान के लिए कई प्रयास किए गए हैं। इसमें प्रकाशन और मुआवजे के भुगतान में समय कम करने के लिए एलए अधिसूचना को ऑनलाइन जमा करने के लिए भूमि राशि पोर्टल की शुरुआत शामिल है।
इस संबंध में प्रयासों में तेजी से भूमि अधिग्रहण और मुआवजे के समय पर वितरण के लिए राज्य सरकारों के साथ नियमित बैठकें भी शामिल हैं।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS