संसद पर हमले की 15वीं बरसी, जानिए लोकतंत्र के मंदिर पर आतंकी हमले की पूरी कहानी

पूरी तैयारी के साथ आए इन आतंकियों ने 45 मिनट तक ताबड़तोड़ गोलियां चलाई।

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sankalp thakur
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संसद पर हमले की 15वीं बरसी, जानिए लोकतंत्र के मंदिर पर आतंकी हमले की पूरी कहानी

फाइल फोटो

13 दिसंबर 2001...वो दिन जब पाकिस्तान के आतंकी संगठन ने संसद पर हमले की कोशिश की। इसी दिन आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के 5 आतंकियों ने संसद पर हमला किया था। पूरी तैयारी के साथ आए इन आतंकियों ने 45 मिनट तक ताबड़तोड़ गोलियां चलाई। पाकिस्तान के इस नापाक साजिश को भारत के जांबाज़़ सुरक्षाकर्मियों ने असफल कर दिया। आइए जानते हैं 13 दिसंबर की पूरी घटना..

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कैसे हुआ था हमला

- 13 दिसंबर, सन 2001 को लगभग 11 बजकर 20 मिनट पर संसद भवन के परिसर मे सफेद रंग की एंबेसेडरई कार आती है।

- इस कार की रफ्तार तेज थी और कार उपराष्ट्रपति के काफिले की तरफ तेजी से बढ़ती जा रही थी।

- लोकसभा के सुरक्षाकर्मचारी जगदीश यादव को शक हुआ और वे कार के पीछे भागते हुए उसे रुकने का इशारा करने लगे।

- जगदीश यादव को कार के पीछे भागते देख उप राष्ट्रपति के सुरक्षा में तैनात एएसआई चीफ राव, नामक चंद और श्याम सिंह भी उस कार को रोकने के लिये उसकी तरफ झपटे।

- उन्हें कार की तरफ आते देख आतंकियों ने कार को संसद की गेट नंबर एक की तरफ घुमा दिया जहां उपराष्ट्रपति की कार से उनकी कार टकरा गई।

- जिसके बाद कार से बाहर निकल कर आतंकियों ने अधाधुंध फाइरिंग शुरू कर दी।

- आतंकियों की गोली का शिकार सबसे पहले वह चार सुरक्षाकर्मी बने जो उनकी कार रोकने की कोशिश कर रहे थे।

- इसी बीच अंधाधूंध फयारिंग करता एक आतंकवादी दौड़ता हुआ संसद भवन के गेट नंबर 1 की तरफ भागा लेकिन इससे पहले की वो संसद भवन के अंदर घुस पाता सुरक्षाकर्मियों ने उसे घेर लिया और मार गिराया।

- एक और आतंकी गेट नंबर 6 की तरफ भागा जिसे सुरक्षाकर्मियों ने चारो तरफ से घेर लिया। घिर चुके आतंकी ने खुद को उड़ा लिया।

- आतंकी हमले की सूचना सेना और एनएसजी कमांडो को दी गई थी। साथ ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भी मोर्चा संभाल लिया था।

- इनके आने की सूचना आतंकियों को भी हो गई थी। उन्होंने गेट नंबर 9 से संसद में घुसने की फिर से कोशिश की।

- इस कोशिश के तहत वह गोलियां बरसाते हुए संसद भवन के गेट नंबर 9 की तरफ भागे। मगर मुस्तैद जवानों ने गेट नंबर 9 के पहले ही उन्हें घेर लिया।

- दोनो तरफ से गोलीबारी जारी थी और कुछ ही देर में आतंकियों को मार गिराया गया।

भारत के जांबाज़ सुरक्षा कर्मी और जवानों ने आतंकियों के मंसूबों को किया असफल

- आतंकियों का सामना करते हुए दिल्ली पुलिस के पांच जवान, सीआरपीएफ की एक महिला कांस्टेबल और संसद के दो गार्ड शहीद हुए और 16 जवान इस मुठभेड़ में घायल हुए। 

मुख्य आरोपी अफ़जल गुरु को फांसी

- हमले की साज़िश रचने वाले मुख्य आरोपी अफ़जल गुरु को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया।

- संसद पर हमले की साजिश रचने के आरोप में सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त, 2005 को उसे फांसी की सजा सुनाई थी। उसने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दायर की थी। दया याचिका को  3 फरवरी, 2013 को राष्ट्रपति ने खारिज की और 9 फरवरी, 2013 को अफजल गुरु को दिल्ली की तिहा‌ड़ जेल में फांसी दी गई।

Source : News Nation Bureau

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