अप्रैल-जून के बीच दक्षिण अफ्रीका में दुष्कर्म के 10,006 मामले सामने आए

अप्रैल-जून के बीच दक्षिण अफ्रीका में दुष्कर्म के 10,006 मामले सामने आए

अप्रैल-जून के बीच दक्षिण अफ्रीका में दुष्कर्म के 10,006 मामले सामने आए

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IANS
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10,006 rape

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

इस साल अप्रैल से जून के बीच दक्षिण अफ्रीका में दुष्कर्म के 10,006 मामले दर्ज किए गए। ये सूचना आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक सामने आई।

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समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने शुक्रवार को पुलिस मंत्री भेकी सेले के हवाले से कहा, यह 4,201 मामलों की बढ़ोतरी है, जो पिछली रिपोटिर्ंग अवधि की तुलना में 72.4 प्रतिशत की वृद्धि है।

उन्होंने कहा कि दो अवधियों की तुलना करने से 2020 में सख्त लॉकडाउन के कारण आंकड़े विकृत हो जाएंगे, जिसने स्वतंत्रता और आवाजाही को गंभीर रूप से प्रतिबंधित कर दिया, जिसके कारण कम अपराध हुए।

इन आंकड़ों के मुताबिक, अगर 2019 में इसी अवधि के ताजा आंकड़ों की तुलना की जाए तो रेप में 2.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

सेले ने मीडिया को बताया कि दुष्कर्म के 5,439 मामलों के एक नमूने से पता चलता है कि 3,766 घटनाएं पीड़िता के घर या बलात्कारी के घर पर हुईं, जबकि 487 मामले घरेलू हिंसा से संबंधित थे।

आंकड़ों से पता चलता है कि क्वाजुलु-नताल में इनांडा पुलिस स्टेशन, उसके बाद पश्चिमी केप में डेल़्फ्ट और पूर्वी केप में लुसिकिसिकी स्टेशन ने देश में सबसे अधिक दुष्कर्म के मामले दर्ज किए।

अप्रैल से जून के बीच इसी अवधि में 5,760 लोग मारे गए।

यह 2020 में इसी अवधि की तुलना में हत्या में 66.2 प्रतिशत की वृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है, या 2019 में पहली तिमाही की तुलना में 6.7 प्रतिशत है।

सेले ने कहा कि खुले मैदानों, पाकिर्ंग क्षेत्रों और परित्यक्त इमारतों सहित सार्वजनिक स्थानों पर 2,500 से अधिक लोग मारे गए।

पीड़ित के घर पर 1,300 से अधिक हत्याएं हुईं।

लिंग विशेषज्ञ लिसा वेटन ने कहा कि आंकड़ों से पता चलता है कि हिंसक अपराधों में वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा कि जहां पुलिस सीरियल रेप को रोकने के लिए काफी काम कर सकती है, वहीं घरों में रेप को रोकना ज्यादा जटिल है।

उन्होंने कहा कि डीएनए फोरेंसिक प्रयोगशालाओं के मुद्दों को सुलझाया जाना चाहिए।

उन्होंने सिन्हुआ को बताया, यह वास्तव में चिंताजनक है कि हिंसक अपराधों में बढ़ोतरी हुई है।

आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए, लिंग समानता आयोग के प्रवक्ता जावु बालोयी ने सिन्हुआ को बताया कि अपराध की रिपोर्ट भयावह थी।

उन्होंने कहा, ये चिंताजनक हैं, हम उम्मीद कर रहे थे कि संख्या कम हो जाएगी पुलिस को लिंग आधारित हिंसा को प्राथमिकता देनी चाहिए।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
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