भारी कर्ज में डूबी सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया को बेचने के लिए केंद्र सरकार ने बुधवार को बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने एयर इंडिया में 100 फीसदी एफडीआई के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अब तक यह लिमिट 49 फीसदी की ही थी. सूत्रों के मुताबिक नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटर्नल ट्रेड से गुहार लगाई थी कि एफडीआई की सीमा को 100 फीसदी तक कर दिया जाए. इसके बाद कैबिनेट ने यह फैसला लिया है.
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दरअसल एयर इंडिया को खरीदने के लिए 17 मार्च तक बोलियां आमंत्रित की गई हैं. इससे पहले सरकार की ओर से एयर इंडिया को बेचने की जितनी भी कोशिशें की गई वह फेल हो गईं. इसके बाद सरकार ने एफडीआई को 100 फीसदी तक करने का फैसला लिया है.
सरकार ने क्या लिया फैसला
एयर इंडिया में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति से प्रवासी भारतीय (एनआरआई) कंपनी में 100 प्रतिशत तक निवेश कर सकेंगे. अभी तक सिर्फ 49 फीसद हिस्सेदारी दिए जाने की अनुमति दी. गौरतलब है कि पिछले दिनों कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि टाटा ग्रुप भी एयर इंडिया के लिए बोली लगाने पर विचार कर रहा है. बता दें कि एयर इंडिया दशकों पहले टाटा ग्रुप का ही हिस्सा थी.
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टाटा ग्रुप ने ही बनाई थी एयर इंडिया
एयर इंडिया की स्थापना टाटा ग्रुप ने 1932 में की थी. इसके बाद भारत सरकार ने 1953 में इसका अधिग्रहण कर लिया. अब 67 सालों के बाद देश की यह दिग्गज एयरलाइन कंपनी निजी हाथों में जाने वाली है. जानकारी के मुताबिक वर्तनान समय में एयर इंडिया पर करीब 60 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है.
Source : News Nation Bureau