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Prakash Javadekar (फाइल फोटो)
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सभी शैक्षणिक संस्थानों में सवर्ण आरक्षण लागू किया जाएगा. आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण कोटा शैक्षणिक वर्ष 2019 से सभी शैक्षणिक संस्थानों में लागू किया जाएगा.मोदी सरकार के सवर्ण आरक्षण के फैसले के बाद गुजरात और झारखंड सरकार ने अपने-अपने राज्य में इसे लागू कर दिया है. इन राज्यों के कमजोर सवर्णों को शिक्षण संस्थान में नामांकन एवं सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण का अब लाभ मिलेगा.
Union Human Resource Development Minister, Prakash Javadekar: 10% reservation quota for economically-weaker sections will be implemented in all educational institutions from the academic year 2019. pic.twitter.com/9FJFEAxbqC
— ANI (@ANI) January 15, 2019
इस कोटे का फायदा अनारक्षित श्रेणियों के आठ लाख रुपये तक की वार्षिक आय सीमा और करीब पांच एकड़ जोत वाले लोग उठा सकेंगे. यह विधेयक सरकारी सेवा और उच्च शिक्षण संस्थानों में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करता है.
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सवर्ण आरक्षण बिल को 7 जनवरी को केंद्रीय मंत्रीमंडल से मंजूरी मिली थी. 9 जनवरी को हंगामे के बीच सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को सरकारी नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में आरक्षण के प्रावधान वाला विधेयक राज्यसभा में पास हो गया था. केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत ने इस बिल को पेश किया था. 8 जनवरी को संविधान (124 वां संशोधन) विधेयक लोकसभा में पारित हुआ था. 323 सदस्यों ने हित में वोट किया था जबकि तीन सदस्यों ने इसके विरोध में मत दिया था. दोनों सदनों में पास होने के बाद इसे आखिरकार शनिवार को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई.
इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर के साथ ही सवर्णों को मिलने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण को लागू करने की मंजूरी मिल गई.
वर्तमान में 49.5 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है जिसमें 15 फीसदी अनुसूचित जातियों के लिए, 7.5 फीसदी अनुसूचित जनजातियों के लिए और 27 फीसदी अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है.
Source : News Nation Bureau