कोरोना वायरस के कारण लगातार पूरे देश में लॉकडाउन है. अब तक 29435 लोग संक्रमित हो चुके हैं. इसमें से 6869 लोग संक्रमण से ठीक हो चुके हैं. इनमें से 934 लोगों की मौत हो चुकी है. हर रोज स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कोरोना के हालातों के बारे में बताया जाता है. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने हालातों के बारे में बताया. आइए जानते हैं 28 अप्रैल को स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कान्फ्रेंस में क्या खास हुआ.
- स्वास्थ्य मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा डिपार्टमेंट ऑफ बायो टेक्नोलॉजी और उनके 18 आटोनॉमस बॉडीज और उनसे संबंधित PSU की डायरेक्टर के साथ रिसर्च के बारे में समीक्षा की. उन्होंने मेक इन इंडिया के तहत एंटी बॉडी डिटेक्शन किट, रियल टाइम पीसीआर बेस्ड डिटेक्शन किट और कोविड 19 के वैक्सीन को फास्ट ट्रैक करने के लिए कहा.
- स्वास्थ्य मंत्री ने दिल्ली के लेफ्टीनेंट गवर्नर, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री, कॉर्पोरेशन कमिश्नर, दिल्ली के सभी जिलों के डीएम, डीसीपी और सभी हॉस्पिटल के डॉक्टरों के साथ कोविड स्टेटस का जायजा लिया.
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्री सिम्पटोमैटिक मरीजों के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं. जिन मरीजों के पास घर पर अच्छी सुविधा है उन्हें होम आइसोलेशन की सुविधा होगी. इसके लिए गाइडलाइन जारी की है.
- होमआइसोलेशन के लिए मरीज को एक अंडर टेकिंग भरना पड़ेगा.
- मेडिकल ऑफिसर द्वारा व्यक्ति को क्लीनिकली या तो वेरी माइल्ड केस या फिर प्री सिम्प्टोमैटिक केस डाइगनोस करना होगा. उन्हें मोबाइल पर आरोग्य सेतु एप का इस्तेमाल करना होगा. बुजुर्गों से दूर रहना होगा.
- सेल्फ आइसोलेट किए गए लोगों के करीबियों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन लेना होगा.
- प्लाज्मा थेरेपी पर काफी चर्चा हो रही है. ICMR ने साफ तौर से कहा है कि प्लाज्मा थेरेपी के अलावा अभी तक कोई अप्रूव थेरेपी नहीं है.
- प्लाज्मा थेरेपी अभी भी एक्सपेरीमेंट के स्टेज पर है. इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि यह थेरेपी काम करती है.
- ICMR ने एक नेशनल स्टडी को लान्च किया है. जिससे प्लाजमा थेरेपी कारगर है या नहीं यह पता लगाया जाएगा.
- जब तक ICMR अपनी स्टडी को पूरा नहीं कर लेता तब तक प्लाज्मा थेरेपी बस प्रयोग के स्टेज पर रहेगी. अगर गलत तरीके से यह मरीजों को दिया जाता है तो इससे जान का खतरा भी हो सकता है.