जम्मू-कश्मीर में सेना के कैंप पर 2014 से अबतक 10 हमले हो चुके हैं। इसमें 38 जवान शहीद हुए हैं। रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने शुक्रवार को लोकसभा में एक लिखित जवाब में ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर से बाहर किसी सैन्य अड्डे पर हमला नहीं हुआ है।
सदन में दिए गए जवाब के अनुसार, राज्य में सेना के शिविरों पर 2014 में दो हमले, 2015 में दो, 2016 में पांच और 2017 में एक हमला हुआ है।
इसमें सबसे ज्यादा हताहतों की संख्या 2016 में रही, जिस दौरान 26 जवान शहीद हुए थे। उरी आतंकवादी हमले में 19 सैन्यकर्मी शहीद हुए थे, जबकि सात अन्य नगरौटा में नवंबर में हुए हमले में शहीद हुए थे।
साल 2014 में सैन्य प्रतिष्ठानों पर हुए हमलों में नौ जवान शहीद हुए थे और इस साल तीन शहीद हुए हैं।
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मंत्री ने कहा कि रक्षा प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए गए हैं और रक्षा सेवाओं ने सैन्य अड्डों के जोखिम के वर्गीकरण सहित कई तरह की कार्रवाई की है।
इसमें खुफिया जानकारी जुटाने की क्षमताओं का उन्नयन, प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत व सुव्यवस्थित करना तथा मानवरहित हवाई वाहनों का इस्तेमाल और सभी सैन्य प्रतिष्ठानों की सामयिक सुरक्षा जांच शामिल है।
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Source : News Nation Bureau