धनबाद स्थित आईआईटी-आईएसएम के कैंपस में लगातार हो रही “अनहोनी” घटनाएं चिंता का विषय बन गई हैं। हाल में तीन शिक्षकों की अस्वाभाविक-असामयिक मौत, एक कर्मी और एक छात्र की खुदकुशी की घटनाओं के बाद संस्थान भगवान की शरण में है।
इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कैंपस में तीन दिवसीय महामृत्युंजय मंत्र जाप महायज्ञ कराया जा रहा है। प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग धाम देवघर से 15 पुजारियों का एक दल महायज्ञ के लिए यहां आया है। तीन दिनों में सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाएगा। शुक्रवार को महायज्ञ के पहले दिन संस्थान के डायरेक्टर प्रोफेसर राजीव शेखर, उनकी पत्नी विधु शेखर, डिप्टी डायरेक्टर प्रोफेसर धीरज कुमार, डीएसडब्ल्यू डॉ. एमके सिंह तथा अन्य शामिल हुए।
रविवार को शाम पांच बजे हवन और उसके बाद महाप्रसाद वितरण के बाद महायज्ञ का समापन हो जायेगा। आईआईटी-आइएसएम प्रबंधन ने 30 जून से दो जुलाई तक परिसर के शिव मंदिर में होने वाले तीन दिवसीय यज्ञ में शामिल होने के लिए अपने सभी कर्मियों को ईमेल भेजकर सूचित किया था। इसमें कहा गया था कि अपने परिसर में अवांछित घटनाओं के निवारण के लिए संस्थान स्थित शिव मंदिर समिति ने बैठक कर परिसर में हवन-यज्ञ कराने का निर्णय लिया।
संस्थान के डिप्टी डायरेक्टर प्रोफेसर धीरज कुमार ने कहा कि आईआईटी-आईएसएम परिसर स्थित शिव मंदिर की प्रबंधन कमेटी में संस्थान के शिक्षक और कर्मी भी हैं। कमेटी की बैठक में ही मंदिर परिसर में महायज्ञ कराने का निर्णय लिया गया। पहले भी मंदिर-परिसर में पूजा-अर्चना होती रही है।
वहीं, डीन, मीडिया एंड ब्रांडिंग, प्रोफेसर रजनी सिंह ने कहा कि अध्यात्म से मन को शांति मिलती है। यज्ञ से परिसर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।
गौरतलब है कि हाल में स्वीमिंग पुल में डूब जाने से संस्थान के एक प्राध्यापक की मौत हो गयी थी। वहीं, दो प्राध्यापकों का बीमारी से निधन हो गया था। इससे पहले एक विद्यार्थी और कर्मी ने सुसाइड कर लिया था।
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Source : IANS