प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा भारत और फ्रांस के बीच रक्षा, रणनीतिक साझेदारी और वैश्विक कूटनीति को नई ऊंचाइयों पर ले गई. इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने रक्षा उद्योग, रक्षा तकनीकों के साझा विकास और सैन्य सहयोग को गहरा करने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले किए.
पिनाका मिसाइल पर चर्चा और रक्षा उद्योग सहयोग
भारत ने फ्रांस को पिनाका मल्टी बैरल लॉन्च रॉकेट (MBLR) सिस्टम खरीदने का प्रस्ताव दिया. यह कदम भारतीय रक्षा उद्योग की वैश्विक उपस्थिति को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने इस प्रस्ताव को इंडो-फ्रेंच रक्षा संबंधों में एक नई उपलब्धि बताया, जो दोनों देशों के बीच रक्षा उपकरणों के आदान-प्रदान को और बढ़ावा देगा.
इसके अलावा, स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के निर्माण में भारत और फ्रांस के बीच सहयोग को और मजबूत किया गया. भारत में डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) द्वारा विकसित एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) प्रणाली को P75 स्कॉर्पीन पनडुब्बियों में एकीकृत करने की योजना पर चर्चा हुई. इससे भारतीय नौसेना की पनडुब्बी युद्धक क्षमताओं में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी.
फ्रांस ने भारत को यूरोड्रोन MALE (मीडियम एलीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस) प्रोग्राम में पर्यवेक्षक के रूप में शामिल करने का स्वागत किया. यह सहयोग ड्रोन तकनीक और रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के बीच विश्वास को और बढ़ाएगा.
रणनीतिक रक्षा साझेदारी और सैन्य अभ्यास
भारत और फ्रांस के बीच सैन्य अभ्यासों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई समझौते किए गए:
- संयुक्त नौसेना अभ्यास ‘ला पेरूज’ में भारतीय नौसेना ने हिस्सा लिया.
- ‘वरुण’ अभ्यास मार्च 2025 में आयोजित किया जाएगा, जिसमें दोनों देशों की नौसेनाएं संयुक्त युद्धाभ्यास करेंगी.
- जनवरी 2025 में फ्रांसीसी एयरक्राफ्ट कैरियर ‘चार्ल्स डी गॉल’ ने भारत का दौरा किया, जिससे दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच सहयोग को नई मजबूती मिली.
- भारत और फ्रांस के रक्षा उद्योगों को जोड़ने के लिए फ्रांस-इंडिया डिफेंस स्टार्टअप एक्सीलेंस (FRIND-X) पहल की शुरुआत पेरिस में हुई. इस मंच के तहत दोनों देशों के डिफेंस स्टार्टअप, निवेशक, इनक्यूबेटर, एकेडमिक संस्थान और उद्योग जगत के विशेषज्ञ एक साथ आए, जिससे रक्षा क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा.
वैश्विक और क्षेत्रीय रणनीतिक साझेदारी
भारत और फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार की जरूरत पर बल दिया. फ्रांस ने भारत की स्थायी सदस्यता के लिए अपना समर्थन दोहराया. दोनों देशों ने यूक्रेन युद्ध और मध्य-पूर्व की स्थिति पर भी गहन चर्चा की और वैश्विक शांति बनाए रखने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई.
भारत और फ्रांस ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप कॉरिडोर (IMEC) को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई. इसके तहत मार्सिले बंदरगाह को इस कॉरिडोर का एक प्रमुख केंद्र बनाने पर सहमति बनी.
अंतरिक्ष, विज्ञान और इनोवेशन में सहयोग
भारत-फ्रांस स्पेस स्ट्रेटेजिक डायलॉग का तीसरा सत्र 2025 में आयोजित होगा. ISRO और CNES के बीच अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में सहयोग को और मजबूत करने का निर्णय लिया गया. भारत-फ्रांस नवाचार वर्ष (Year of Innovation) 2026 की घोषणा की गई, जिसे नई दिल्ली में भव्य समारोह में लॉन्च किया जाएगा.
आतंकवाद के खिलाफ साझा रुख
भारत और फ्रांस ने आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की और आतंकियों की फंडिंग रोकने और सुरक्षित ठिकानों को खत्म करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई. दोनों देशों ने FATF और No Money For Terror (NMFT) जैसे वैश्विक मंचों पर सहयोग को जारी रखने का निर्णय लिया.