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Muslim Wedding (AI)
Muslim Wedding: मुस्लिम शादियों में इन दिनों एक दिलचस्प रस्म देखने को मिल रही है, जिसमें निकाह से पहले सालियां और दूल्हन की सहेलियां दूल्हे से एक एग्रीमेंट साइन करवाती हैं, जिसमें दुल्हन को विदेश घुमाने, चूूल्हा-चौका और रोजमर्रा के कामों में हाथ बंटाने की शर्तें लिखी होती हैं.
समाज के साथ नई परंपराओं का जन्म
मुस्लिम समाज की शादियों में भी अब बदलते दौर की छाप देखने की मिलने लगी है. एक वक्त था जब दुल्हन की बहनें और उसकी सहेलियां सिर्फ निकाह के बाद ही शादी हॉल में या फिर अलग कमरे में दूल्हे की सलाम कराई रस्म के दौरान ही सामने आती थीं. दूल्हे से हंसी-मजाक की सीमा सिर्फ जूता-चुराई तक ही रहती थी. हालांकि, जैसे-जैसे अब समाज बदल रहा है, वैसे-वैसे नई-नई परंपराओं का जन्म होने लगा है. शादी की रस्मों में सालियां और दुल्हन की दोस्त बकाएदा दूल्हे से समझौते पर दस्तखत करवा रही हैं.
मौलाना बोले- ये सिर्फ एक मजाक है
मामले में एक मौलाना ने कहा कि निकाह एक पाक चीज है, इसे हल्के-फुल्के मनोरंजन के साथ शरीअत की हद में ही होना चाहिए. ये समझौता सालियों का मजाक है. इसमें किसी भी प्रकार की गैरवाजिब शर्त नहीं होनी चाहिए. एक मुस्लिम जानकार का कहना है कि नई पीढ़ी बराबरी और साझेदारी को तवज्जो देती हैं. एग्रीमेंट वाली सिर्फ एक हल्का-फुल्का मजाक है, जो दूल्हे को याद दिलाती है कि शादी सिर्फ दुल्हन की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि दूल्हे और दुल्हन की भी है.
लड़कियां भी अपनी इच्छाएं लोगों के सामने रख रहीं
मामले में एक महिला का कहना है कि हमने भी अपनी सहेलियों के शौहर से कई शादियों में ऐसे एग्रीमेंट करवाए हैं. इसका असली मकसद मौज-मस्ती और मौके को यादगार बनाना होता है. दूल्हा भी हंसते हुए एग्रीमेंट पर साइन कर देता है. वहीं, एक और महिला ने कहा कि ऐसी रस्मे रिश्तों में मधुरता लाती हैं. इससे ये भी साफ होता है कि लड़कियां भी अब अपनी अपेक्षाओं को खुलकर सामने रखने लगी हैं. समाज में ये बदलाव बढ़ती हुई जागरुकता का एक संकेत हैं.
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