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न्यू लेबर कोड 2025 Photograph: (Meta Ai)
नए श्रम कानूनों के नोटिफाई होने के बाद कर्मचारियों में PF कटौती और टेक होम सैलरी को लेकर कई तरह की आशंकाएं और भ्रम पैदा हो गए थे. बुधवार को श्रम मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि जिन कर्मचारियों का PF कटौती 15,000 रुपये की वेज सीलिंग पर आधारित है, उनकी टेक होम सैलरी में कोई बदलाव नहीं आएगा. मंत्रालय ने कहा कि वेज सीलिंग पर आधारित PF कटौती पहले की तरह ही जारी रहेगी और इससे ऊपर का कोई भी वैकल्पिक कंट्रीब्यूशन कर्मचारी की स्वेच्छा पर निर्भर करेगा.
वेज सीलिंग से ऊपर वालों पर ही होगा प्रभाव
मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा कि केवल उन कर्मचारियों की टेक होम सैलरी प्रभावित हो सकती है, जिनका PF वेज सीलिंग पर नहीं कटता. कई कंपनियां पूरी बेसिक सैलरी पर PF काटती हैं (PF on Actual), ऐसे मामलों में नए श्रम कानून लागू होने पर बेसिक और भत्तों के अनुपात में बदलाव के कारण PF कंट्रीब्यूशन बढ़ सकता है.
कैसे होता है असर?
मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर 60,000 रुपये मासिक सैलरी का एग्जामपल साझा किया. मौजूदा नियमों के अनुसार अगर किसी कर्मचारी की 20,000 रुपये बेसिक सैलरी है और उस पर PF कटता है, तो एम्प्लॉयर और एम्प्लॉई दोनों का 12-12 प्रतिशत योगदान 2,400-2,400 रुपये होता है, यानी कुल 4,800 रुपये. लेकिन नए लेबर कोड में 50% बेसिक पे नियम लागू होने के बाद बेसिक सैलरी और वेज की गणना 20,000 रुपये + 10,000 रुपये यानी 30,000 रुपये पर होगी. इस स्थिति में PF कंट्रीब्यूशन 3,600 + 3,600 यानी 7,200 रुपये पहुंच सकता है, जिससे टेक होम सैलरी कम हो सकती है.
वेज सीलिंग लागू हो तो PF कटौती सीमित रहेगी
अगर PF कटौती 15,000 रुपये की वेज सीलिंग पर आधारित हो, तो नए लेबर कोड का प्रभाव इस कैलकुलेशन पर नहीं पड़ेगा. ऐसे में एम्प्लॉयर और एम्प्लॉई दोनों का 12-12 प्रतिशत योगदान केवल 1,800 रुपये होगा और कुल PF कटौती 3,600 रुपये ही रहेगी. इस स्थिति में कर्मचारी की टेक होम सैलरी 56,400 रुपये रहती है.
यह उदाहरण साफ करता है कि वेज सीलिंग से ऊपर वाली बेसिक सैलरी पर PF कटौती बढ़ना अनिवार्य नहीं है, बल्कि कर्मचारी की सहमति पर निर्भर है.
कौन से कर्मचारी हो सकते हैं प्रभावित?
मंत्रालय के स्पष्टीकरण के अनुसार, टेक होम सैलरी में कमी केवल उन कर्मचारियों को महसूस होगी. जिनका PF वेज सीलिंग पर नहीं कटता, बल्कि पूरी बेसिक सैलरी पर कटता है. जिनकी बेसिक सैलरी + भत्तों की संरचना नए लेबर कोड के अनुसार 50% नियम के चलते बदलती है. जिनके एम्प्लॉयर PF on Actual की नीति लागू रखते हैं.
नए कोड से क्या होगा कुल प्रभाव?
श्रम मंत्रालय का जोर इस बात पर है कि नए श्रम कानून लंबे समय में कर्मचारियों के लिए फायदेमंद हैं, क्योंकि उनका PF कोष बढ़ेगा और रिटायरमेंट सुरक्षा मजबूत होगी. हालांकि तत्काल प्रभाव के तौर पर कुछ कर्मचारियों की टेक होम सैलरी पर असर पड़ सकता है, खासकर उन पर जिनकी सैलरी संरचना वेज कोड के अनुसार पुनर्गठित होगी.
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