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सरकार ने जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) में बड़े बदलाव किए हैं. ये नई दरें आज (22 सितंबर 2025 ) से पूरे देश में लागू हो गई हैं. बदलाव का असर आम आदमी की जेब से लेकर बाजार और राजनीति तक देखने को मिलेगा. दिवाली और छठ पूजा से ठीक पहले यह फैसला लोगों के लिए राहत लेकर आया है. इससे बाजारों में रौनक बढ़ेगी और लोगों की खरीदारी क्षमता भी बढ़ेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ‘खुशियों का डबल धमाका’ बताया है.
जीएसटी क्या है?
जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर पूरे भारत में वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाने वाला एक समान अप्रत्यक्ष टैक्स है. पहले अलग-अलग टैक्स जैसे एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स और वैट लगते थे. लेकिन जीएसटी से अब एकीकृत टैक्स व्यवस्था बनी है.
क्या पंजीकरण या ई-वे बिल नियम बदलेंगे?
जीएसटी पंजीकरण की सीमा पहले जैसी ही रहेगी.
दरों में बदलाव के बावजूद पुराने ई-वे बिल मान्य रहेंगे.
पहले से खरीदे गए स्टॉक को 22 सितंबर के बाद बेचने पर नई दरें ही लागू होंगी.
किन चीजों पर मिलेगी राहत?
1. रोजमर्रा की चीजें
अब घी, पनीर, मक्खन, नमकीन, जैम, केचप, ड्राय फ्रूट्स, कॉफी और आइसक्रीम पर टैक्स सिर्फ 5% लगेगा. पहले इन पर 12% या 18% टैक्स देना पड़ता था.
2. दवाइयां और मेडिकल उपकरण
ग्लूकोमीटर, डायग्नोस्टिक किट्स और ज्यादातर दवाओं पर टैक्स 5% कर दिया गया है. इससे मेडिकल खर्च में काफी कमी आएगी.
3. घर बनाने का खर्च
सीमेंट पर टैक्स 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है. इससे मकान बनाने वालों को राहत मिलेगी.
4. इलेक्ट्रॉनिक सामान
टीवी, AC, फ्रिज और वॉशिंग मशीन जैसे सामान पर टैक्स 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है. कंपनियों ने कीमतें घटाने का ऐलान कर दिया है.
5. गाड़ियां
छोटी गाड़ियों पर अब 18% GST लगेगा.
बड़ी गाड़ियों पर कुल टैक्स घटकर लगभग 40% रह गया है (पहले 50% से ज्यादा था).
6. ब्यूटी और फिटनेस सेवाएं
सैलून, योगा सेंटर, फिटनेस क्लब और हेल्थ स्पा पर टैक्स 18% से घटकर 5% हो गया है.
7. पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स
साबुन, शैंपू, टूथपेस्ट, टूथब्रश, हेयर ऑयल और शेविंग क्रीम जैसी चीजों पर अब सिर्फ 5% GST लगेगा.
किन चीजों पर रहेगा ज्यादा टैक्स?
आपको बता दें कि कुछ चीजों पर सरकार ने टैक्स दर बढ़ाकर 40% कर दी है. इनमें शामिल हैं:-
सिगरेट, गुटखा और पान मसाला
ऑनलाइन जुए से जुड़ी सेवाएं
1200cc से ज्यादा की बड़ी गाड़ियां
350cc से ऊपर की बाइक
सॉफ्ट ड्रिंक और फ्लेवर्ड वाटर
बीमा सेवाओं पर छूट
सभी व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसियां जैसे टर्म प्लान, एंडोमेंट और यूएलआईपी पर GST छूट होगी.
निजी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियां भी टैक्स मुक्त होंगी.
क्यों नहीं हटाया गया दवाओं से पूरा टैक्स?
अगर दवाओं पर पूरी तरह से छूट दी जाती तो निर्माता कच्चे माल पर टैक्स का फायदा (ITC) नहीं ले पाते. इससे उत्पादन महंगा हो जाता. इसलिए ज्यादातर दवाओं पर सिर्फ 5% टैक्स रखा गया है ताकि कीमतें भी कम रहें और कंपनियों को नुकसान भी न हो.
नई टैक्स स्लैब व्यवस्था
बताते चलें कि पहले GST चार स्लैब में लगता था- 5%, 12%, 18% और 28%. अब सरकार ने 12% वाले सामान को 5% में और 28% वाले 90 प्रतिशत सामान को 18% में डाल दिया है. इससे हर महीने लोगों की जेब में थोड़ी और बचत होगी.
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