Advertisment

कांग्रेस दिल्ली सेवा विधेयक का समर्थन करने वाले पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई पर भड़की

कांग्रेस दिल्ली सेवा विधेयक का समर्थन करने वाले पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई पर भड़की

author-image
IANS
New Update
New Delhi

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद के.सी. वेणुगोपाल सोमवार को भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश और मनोनीत राज्यसभा सदस्य रंजन गोगोई की टिप्पणी पर भड़क गए, क्योंकि उन्होंने संसद में दिल्ली सेवा विधेयक का समर्थन किया।

वेणुगोपाल ने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि उन्होंने संविधान की मूल संरचना के न्यायशास्त्र पर सवाल उठाया और सवाल किया कि क्या यह संविधान को पूरी तरह से खत्म करने की शुरुआत करने की भाजपा की चाल है?

वेणुगोपाल ने एक ट्वीट में कहा, “यह चौंकाने वाला है कि एक पूर्व सीजेआई संविधान की मूल संरचना के न्यायशास्त्र पर सवाल उठाते हैं। क्या यह भारत के संविधान को पूरी तरह से ख़त्म करने की शुरुआत करने की भाजपा की चाल है? क्या वह सोचती है कि लोकतंत्र, समानता, धर्मनिरपेक्षता, संघवाद, न्यायिक स्वतंत्रता सभी बहस योग्य विचार हैं?”

कांग्रेस नेता ने कहा, यह हैरानी की बात नहीं है कि जिन लोगों के मन में संवैधानिक सिद्धांतों के प्रति कोई सम्मान नहीं है, वे अब बहस योग्य ट्रैक रिकॉर्ड वाले पूर्व सीजेआई को इस बेहद खतरनाक फेंकू लाइन के जरिए संविधान पर हमला शुरू करने के लिए उकसा रहे हैं।

वेणुगोपाल ने कहा, “गोगोई का तर्क क्या है? क्या वह कह रहे हैं कि बुनियादी संरचना नाम की कोई चीज़ नहीं है, जिसे संरक्षित किया जाना चाहिए? उन्हें स्पष्ट रूप से इस विचारधारा का विरोध करना चाहिए, अन्यथा यह स्पष्ट हो जाएगा कि भाजपा ने अब हमारे संविधान के मूल सिद्धांतों को नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

उनकी टिप्पणी गोगोई के बयान के बाद बाद आई है, जिन्होंने सोमवार को राज्यसभा में अपनी पहली टिप्पणी करते हुए कहा था कि मामला न्यायालय में विचाराधीन नहीं है और उच्चतम न्यायालय के समक्ष जो लंबित है वह अध्यादेश की वैधता है।

दिल्ली सरकार में वरिष्ठ अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग पर अध्यादेश को बदलने के लिए विवादास्पद विधेयक के पक्ष में बोलते हुए गोगोई ने कहा कि संसद के पास इस मुद्दे पर कानून बनाने की शक्ति है और अतिरेक का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि विधेयक संघवाद के कमजोर स्वरूप का प्रावधान करता है, क्योंकि दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है।

उन्होंने यह भी कहा कि विधेयक पूरी तरह से वैध है और वह इस विधेयक का पूरा समर्थन करते हैं।

गोगोई ने कहा, यदि आप (दिल्ली के लिए) पूर्ण संघवाद चाहते हैं, तो आप एक संशोधन ला सकते हैं और दिल्ली को एक पूर्ण राज्य बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अनुच्छेद 239 (एए) चुनौती के अधीन नहीं है। मेरा विचार है, विधेयक पूरी तरह वैध है।

इस बीच, समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन, शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, एनसीपी की वंदना चव्हाण, तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव सहित भारतीय सांसदों ने गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों पर उनके पहले भाषण के विरोध में राज्यसभा से बहिर्गमन किया।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment