केंद्र सरकार ने शुक्रवार को संसद को सूचित किया कि सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ के समक्ष 29 मामले फिलहाल लंबित हैं।
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि इन 29 मामलों में से 18 मामले पांच जजों की पीठ के पास, छह मामले सात जजों की पीठ के सामने और पांच मामले नौ जजों की पीठ के समक्ष लंबित हैं।
सुप्रीम कोर्ट की जानकारी के अनुसार, संविधान पीठ के मामलों के संबंध में कानून के जटिल मुद्दे शामिल हैं और बहस कुछ सप्ताह से लेकर महीनों तक चलती है।
सरकार ने माकपा के ए.एम. आरिफ को जवाब दिया, ऐसे मामलों के फैसले के संबंध में सख्त पैरामीटर और समयसीमा निर्धारित करना संभव नहीं है। माकपा सांसद ने सरकार पर मामलों को तेजी से निपटाने में दिलचस्पी न लेने का आरोप लगाया था।
सरकार ने कहा, जहां तक सुधारात्मक कार्रवाई का सवाल है, मामलों का न्याय निर्णयन और शीघ्र निपटान न्यायपालिका के विशेष क्षेत्र में है और सरकार की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है।
इसमें कहा गया है कि रिकॉर्ड के तौर पर 2020 से 2023 तक सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष लंबित 19 मामलों का निपटारा भी हुआ है।
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Source : IANS