CJI पर हमले से देशभर में आक्रोश, PM मोदी बोले– ‘हर भारतीय क्रोधित है’

सुप्रीम कोर्ट में उस समय सनसनी फैल गई जब एक वकील ने कथित तौर पर मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की. अदालत कक्ष में हुई इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है.

सुप्रीम कोर्ट में उस समय सनसनी फैल गई जब एक वकील ने कथित तौर पर मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की. अदालत कक्ष में हुई इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है.

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Ravi Prashant
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पीएम मोदी और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया Photograph: (ANI)

सुप्रीम कोर्ट में उस वक्त सनसनी फैल गई जब मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस बी.आर. गवई पर एक वकील ने कथित रूप से जूता फेंकने की कोशिश की. कोर्ट रूम के अंदर हुई इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना की निंदा करते हुए कहा, “मैंने भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बी.आर. गवई जी से बात की है. सुप्रीम कोर्ट परिसर में उन पर हुआ हमला हर भारतीय को क्रोधित कर गया है. ऐसे निंदनीय कृत्य हमारे समाज में किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं हैं.”

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पीएम मोदी ने क्या कहा? 

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जिस संयम और शांति के साथ सीजेआई गवई ने इस पूरे घटनाक्रम को संभाला, वह न्याय और संविधान के प्रति उनकी निष्ठा को दर्शाता है. सूत्रों के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब सीजेआई की पीठ किसी मामले की सुनवाई कर रही थी. तभी एक वकील अचानक डाइस की ओर बढ़ा और जूता निकालने की कोशिश की. सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत उसे रोक लिया और कोर्ट रूम में अफरा-तफरी का माहौल बन गया.

सनातन का अपमान नहीं सहेंगे

एक चश्मदीद वकील ने बताया कि वह व्यक्ति चिल्ला रहा था, “सनातन का अपमान नहीं सहेंगे.” हालांकि जस्टिस गवई ने पूरे धैर्य के साथ माहौल को शांत किया और कहा कि ऐसे कृत्य उन्हें विचलित नहीं कर सकते. उन्होंने कार्यवाही जारी रखने के निर्देश दिए. यह घटना उस समय हुई है जब कुछ दिन पहले ही जस्टिस गवई ने खजुराहो में भगवान विष्णु की सात फुट ऊंची मूर्ति की बहाली से जुड़े एक मामले में टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि याचिकाकर्ता चाहे तो सीधे ‘देवता’ से प्रार्थना करें, क्योंकि यह स्थल पुरातत्व विभाग के अधिकार क्षेत्र में आता है.

सोनिया गांधी ने भी की निंदा

उनकी इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई थी और कुछ समूहों ने इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया था. इस बीच, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने भी हमले की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट में भारत के मुख्य न्यायाधीश पर हमला न केवल उन पर, बल्कि हमारे संविधान पर हमला है.

पूरे देश को एकजुट होकर इस पर आक्रोश व्यक्त करना चाहिए.” देश की सर्वोच्च अदालत में हुई यह घटना न्यायपालिका की गरिमा पर गंभीर सवाल खड़े करती है. सरकार और न्यायिक समुदाय दोनों ने ऐसे कृत्यों को लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है.

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