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National Highway Authority of India Photograph: (Social Media)
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NHAI के चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने बताया कि इस रणनीति से सरकार को बार-बार फंड की ज़रूरत नहीं पड़ेगी और सड़कों की हालत भी बेहतर होगी. इसके अलावा, तकनीक का बेहतर इस्तेमाल होगा और निजी कंपनियों को भी काम मिलेगा, जिससे नौकरियों के अवसर भी बढ़ेंगे.
National Highway Authority of India Photograph: (Social Media)
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने पहली बार एक खास योजना तैयार की है, जिसका नाम है-एसेट मोनेटाइजेशन रणनीति.इस योजना का मकसद है देश की बनी हुई सड़कों से कमाई करना और उन पैसों से नई सड़कों का निर्माण करना.साथ ही, इससे निजी कंपनियों को भी सड़क परियोजनाओं में निवेश करने का मौका मिलेगा. सरल शब्दों में कहें तो NHAI अब उन सड़कों से पैसे कमाएगा जो पहले से बनी हुई हैं और चल रही हैं. इस पैसे से वह नई सड़कें बनाएगा और पुरानी सड़कों की मरम्मत करेगा.
जिसमें टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर.इसमें सरकार सड़कों को कुछ वर्षों के लिए निजी कंपनियों को चलाने देती है जो टोल टैक्स वसूलते हैं और सरकार को एक तय रकम देते हैं.इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट.इसमें आम लोग और कंपनियां सड़क परियोजनाओं में पैसा लगा सकते हैं और बदले में मुनाफा कमा सकते हैं.सिक्योरिटाइजेशन: इसका मतलब है भविष्य में सड़कों से जो कमाई होगी, उसे आज के समय में निवेशकों से पैसा लेकर इस्तेमाल करना. इन तरीकों से NHAI अब तक 6,100 किलोमीटर की सड़कों से करीब 1.4 लाख करोड़ रुपये की कमाई कर चुका है.
NHAI के चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने बताया कि इस रणनीति से सरकार को बार-बार फंड की ज़रूरत नहीं पड़ेगी और सड़कों की हालत भी बेहतर होगी. इसके अलावा, तकनीक का बेहतर इस्तेमाल होगा और निजी कंपनियों को भी काम मिलेगा, जिससे नौकरियों के अवसर भी बढ़ेंगे. यह नीति भारत सरकार की 2025 से 2030 तक की एसेट मोनेटाइजेशन योजना का हिस्सा है.इसमें सिर्फ सड़कों ही नहीं, बल्कि रेलवे, एयरपोर्ट जैसी कई संपत्तियों से भी कमाई की जाएगी, जिससे देश में नई परियोजनाएं शुरू की जा सकें.