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Amit Shah Photograph: (News Nation)
भारत सरकार ने आज देश के सहकारी आंदोलन को एक नई दिशा देने वाला ऐतिहासिक कदम उठाया. केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय सहकारिता नीति – 2025 का अनावरण किया. इस अवसर पर सहकारिता राज्य मंत्री श कृष्णपाल गुर्जर, सचिव डॉ. आशीष भूटानी और वरिष्ठ नेता सुरेश प्रभु सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे.
शाह ने इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'सहकार से समृद्धि' विजन की दिशा में "ऐतिहासिक और परिणामोन्मुखी पहल" बताया. उन्होंने कहा कि यह नीति ग्रामीण भारत, महिलाओं, युवाओं, दलितों और आदिवासियों को आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने वाली परिवर्तनकारी नीति है.
मुख्य बातें –
- हर तहसील में 5 मॉडल सहकारी गांव स्थापित किए जाएंगे.
- 2034 तक सहकारी क्षेत्र का GDP में योगदान तीन गुना करने का लक्ष्य.
- 50 करोड़ सक्रिय सदस्य बनाने और 8.3 लाख समितियों में 30% वृद्धि का संकल्प.
- हर पंचायत में कम से कम एक सहकारी इकाई की स्थापना अनिवार्य.
शाह ने बताया कि सहकारिता नीति के जरिए टैक्सी, पर्यटन, बीमा, हरित ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भी सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा. उन्होंने कहा, "एक समय कहा जाता था कि सहकारिता का भविष्य नहीं है, आज हम कहते हैं – सहकारिता का ही भविष्य है." नीति का केंद्रबिंदु आदिवासी, महिला, किसान, युवा और ग्रामीण भारत को बनाया गया है. इसका मिशन है – पेशेवर, पारदर्शी, तकनीक-युक्त, उत्तरदायी और आर्थिक रूप से स्वतंत्र सहकारी संस्थाओं का निर्माण.
शाह ने जानकारी दी कि 83 हस्तक्षेप बिंदुओं में से 58 पर कार्य पूर्ण हो चुका है और हर इकाई के लिए मॉनिटरिंग सिस्टम भी बनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि ‘सहकार टैक्सी’ योजना इस वर्ष के अंत तक शुरू की जाएगी, जिसमें सीधा मुनाफा ड्राइवरों तक पहुंचेगा. सहकारिता क्षेत्र को कॉरपोरेट के समकक्ष खड़ा करने, नवीन तकनीक अपनाने, और हर 10 साल में कानूनी संशोधन की व्यवस्था भी इस नीति में शामिल है. शाह ने कहा कि "हमारा लक्ष्य है कि सहकारिता देश के सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन का वाहक बने और आज़ादी के 100वें वर्ष यानी 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाए."