Union Cabinet Briefing: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद मोदी कैबिनेट की बुधवार को पहली बैठक हुई. पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी. केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में मेघालय से असम के लिए नए कॉरिडोर को मंजूरी दी गई है. इसके साथ ही कैबिनेट बैठक में जातीय जनगणना पर भी बड़ा फैसला लिया गया. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मोदी सरकार अगली जनगणना के साथ जातिगत जनगणना भी कराएगी.
शिलांग से सिलचर तक बनेगा हाई स्पीड कॉरिडोर
मोदी कैबिनेट में लिए गए फैसलों के बारे में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि, "केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 22,864 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से शिलांग से सिलचर तक एक हाई-स्पीड कॉरिडोर राजमार्ग को मंजूरी दी है."
गन्ना किसानों को मोदी सरकार का तोहफा
केंद्रीय कैबिनेट में लिए गए अन्य फैसलों के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, केंद्रीय कैबिनेट में सुगर सीजन 2025-26 के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य भी तय किया गया है. उन्होंने बताया कि इस सीजन में गन्ने का मूल्य 355 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह बेंचमार्क मूल्य है, जिससे नीचे गन्ने की खरीद नहीं की जा सकेगी. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 2023-24 में गन्ना किसानों को एक लाख 11 हजार 701 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया.
मोदी सरकार कराएगी जातिगत जनगणना
बुधवार को हुई मोदी कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि, "राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आज फैसला किया है कि जाति गणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए." दरअसल, केंद्रीय कैबिनेट बैठक में अगली जनगणना के साथ जातिगत जनगणना भी कराने का फैसला लिया है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि, "कांग्रेस सरकारों ने हमेशा जातिगत जनगणना का विरोध किया है. 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा था कि जातिगत जनगणना के मामले पर कैबिनेट में विचार किया जाना चाहिए."
उन्होंने कहा कि, इस विषय पर विचार करने के लिए मंत्रियों का एक समूह बनाया गया था. अधिकांश राजनीतिक दलों ने जातिगत जनगणना की सिफारिश की है. इसके बावजूद, कांग्रेस सरकार ने जाति का सर्वेक्षण या जाति जनगणना कराने का फैसला किया. यह अच्छी तरह से समझा जा सकता है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने जातिगत जनगणना को केवल एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, कुछ राज्यों ने जातियों की गणना के लिए सर्वेक्षण किए हैं. जबकि कुछ राज्यों ने यह अच्छा किया है, कुछ अन्य ने केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से गैर-पारदर्शी तरीके से ऐसे सर्वेक्षण किए हैं. ऐसे सर्वेक्षणों ने समाज में संदेह पैदा किया है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि राजनीति से हमारा सामाजिक ताना-बाना खराब न हो, सर्वेक्षण के बजाय जातिगत गणना को जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए.
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