हैदराबाद में मिली ‘मौत की फैक्ट्री’: 32,000 लीटर कच्चा ड्रग्स जब्त, 12 आरोपी सलाखों के पीछे

मीरा-भाईंदर पुलिस की जांच में सामने आया कि इस रैकेट में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करके ड्रग्स की तस्करी और पेमेंट की जाती थी. ड्रग्स का ये नेटवर्क आधुनिक तकनीक का सहारा लेकर डार्क वेब के जरिए भी ऑपरेट हो रहा था.

मीरा-भाईंदर पुलिस की जांच में सामने आया कि इस रैकेट में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करके ड्रग्स की तस्करी और पेमेंट की जाती थी. ड्रग्स का ये नेटवर्क आधुनिक तकनीक का सहारा लेकर डार्क वेब के जरिए भी ऑपरेट हो रहा था.

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Pankaj R Mishra
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Factory of death

Factory of death Photograph: (Social MEdia)

महाराष्ट्र की मीरा-भाईंदर पुलिस ने एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व कार्रवाई में देश की सबसे बड़ी ड्रग्स फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ किया है. तेलंगाना के चेरापल्ली इलाके में चल रही इस गुप्त फैक्ट्री पर छापा मारते हुए पुलिस ने करीब 12 हज़ार करोड़ रुपये की एमडी ड्रग्स की खेप जब्त की. ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने 32,000 लीटर कच्चा ड्रग्स (रॉ मटेरियल) बरामद किया, जिसकी कीमत अंतराष्ट्रीय बाज़ार में करोड़ों रुपये की बताई जा रही है. इस रॉ मटेरियल का इस्तेमाल ड्रग्स बनाने के लिए किया जा रहा था. पुलिस की कार्रवाई में फैक्ट्री का मालिक, एक केमिकल एक्सपर्ट और एक विदेशी नागरिक समेत कुल 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

200 ग्राम से शुरू हुई थी जांच, खुला 12 हज़ार करोड़ का ड्रग्स रैकेट

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इस बड़े ऑपरेशन की शुरुआत तब हुई जब पुलिस ने कुछ हफ़्ते पहले सिर्फ 200 ग्राम ड्रग्स के साथ एक आरोपी को पकड़ा था. मामूली बरामदगी से शुरू हुई जांच ने पुलिस को इस अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क तक पहुंचा दिया. पूछताछ में पता चला कि इस फैक्ट्री से महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, कर्नाटक और तेलंगाना समेत कई राज्यों में उच्च गुणवत्ता की एमडी ड्रग्स की सप्लाई की जा रही थी. चौंकाने वाली बात यह भी है कि विदेशी नागरिक की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को शक है कि इस पूरे रैकेट के तार विदेशों तक जुड़े हुए हैं. यह खुलासा अब तक की सबसे बड़ी ड्रग्स सप्लाई चेन के टूटने की तरफ इशारा करता है.

डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और क्रिप्टोकरेंसी से होती थी तस्करी

मीरा-भाईंदर पुलिस की जांच में सामने आया कि इस रैकेट में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करके ड्रग्स की तस्करी और पेमेंट की जाती थी. ड्रग्स का ये नेटवर्क आधुनिक तकनीक का सहारा लेकर डार्क वेब के जरिए भी ऑपरेट हो रहा था. इस केस में पुलिस की डिजिटल और फॉरेंसिक एक्सपर्ट टीम अब डेटा एनालिसिस, चैट हिस्ट्री और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन की गहराई से जांच कर रही है. बरामद किया गया एमडी ड्रग्स सुपर हाई क्वालिटी का है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारी मांग है. पुलिस को शक है कि इस फैक्ट्री से ड्रग्स की सप्लाई के तार दक्षिण एशियाई देशों से लेकर यूरोप तक फैले हुए हैं.

#ZeroTolerance मिशन की बड़ी जीत, और गिरफ्तारियों की संभावना

महाराष्ट्र सरकार की #ZeroTolerance मुहिम को मीरा-भाईंदर पुलिस की इस कार्रवाई से बड़ी सफलता मिली है. पुलिस आयुक्त निकेत कौशिक ने बताया कि अब तक की ड्रग्स जब्ती में यह ऑपरेशन सबसे बड़ा है. चूंकि इस नेटवर्क में विदेशी नागरिक की भी संलिप्तता सामने आई है, पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ भी तालमेल बढ़ा दिया है. पुलिस का मानना है कि आने वाले दिनों में इस नेटवर्क से जुड़े और कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं. इस ऐतिहासिक कार्रवाई ने न केवल अंतरराज्यीय ड्रग्स माफिया की कमर तोड़ दी है, बल्कि देशभर में सुरक्षा एजेंसियों को भी हाई अलर्ट पर ला दिया है.

Maharashtra Police
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