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Amit Shah: (ANI)
CAA: पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समुदाय, जो धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होकर भारत आए है, उन्हें केंद्र सरकार की ओर से बड़ी राहत दी गई है. गृह मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया है. आदेश में उन्होंने कहा कि हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, सिख और ईसाई समुदाय के लोग, जो 31 सितंबर तक भारत आए हैं, उन लोगों को पासपोर्ट या फिर अन्य ट्रैवल डॉक्युमेंट्स के बिना भी भारत में रहने की अनुमति दी जाएगी.
लोगों को मिलेगी ये छूट
आदेश इमीग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट- 2025 के तहत जारी किया गया है. इस आदेश से उन लोगों को राहत मिलेगी, जो मान्य पासपोर्ट और वीजा के बिना भारत में आए हैं या फिर उनके दस्तावेजों की वैधता खत्म हो चुकी है. मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि ऐसे लोग, जो धार्मिक उत्पीड़न या फिर भय से भारत आए हैं, उन्हें पासपोर्ट और वीजा के नियमों से छूट दी जाएगी.
The Ministry of Home Affairs has extended the cut-off date for entry into India for applying under CAA till 31st December 2024!
— Dr. Sukanta Majumdar (@DrSukantaBJP) September 3, 2025
Grateful to Hon’ble Prime Minister Shri @narendramodi ji, Hon’ble Union Home Minister Shri @AmitShah ji and the Central Government for this historic… pic.twitter.com/ZfVIKHhPKe
केंद्र सरकार के फैसले से किन्हें मिलेगी राहत
सीएए पिछले साल लागू हुआ था, जिसके तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समुदायों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है. बस शर्त ये थी कि वे 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ गए हों. हालांकि, कई लोग 2014 के बाद भी धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होकर भारत आए, जैसे- पाकिस्तान और बांग्लादेश के धार्मिक अल्पसंख्यक. ऐसे लोगों को केंद्र सरकार के फैसले से बड़ी राहत मिली है. क्योंकि उन्हें अब भारत में रहने के लिए पासपोर्ट या फिर वीजा की वैधता दिखाने की जरूरत नहीं होगी.
2014 से 2024 तक के लोगों को नागरिकता मिलेगी या नहीं
साफ कर दें, नागरिकता का अधिकार सिर्फ CAA के प्रावधानों के अनुसार यानी 2014 तक भारत आ चुके लोगों को ही मिलेगा.