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piyush goyal (social media)
भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल टैरिफ को लेकर चल रहे तनाव के बीच व्यापार समझौते के लिए अगले दौर की वार्ता को लेकर 22 सितंबर को अमेरिका में होंगे। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एच-1बी वीजा पर 100,000 डॉलर का भारी शुल्क लगाने के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। एच-1बी वीजा का उपयोग अधिकतर उच्च कुशल भारतीय कामगार अपने अमेरिकी सपने को पूरा करने के लिए कर रहे हैं।
हमें इस पर भी कोई आपत्ति नहीं: गोयल
गोयल ने इस बात पर जोर देकर कहा कि “दुनिया भर के विभिन्न देश भी भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते करना चाहते हैं। "वे भारत के साथ व्यापार बढ़ाना चाहते हैं। वे संबंध सुधारना चाहते हैं।" उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर अपने एक भाषण के वीडियो क्लिप भी साझा किया। उन्होंने कहा, "वे हमारी प्रतिभा से भी थोड़ा डरते हैं। हमें इस पर भी कोई आपत्ति नहीं है।"
उन्होंने भारतीय प्रतिभाओं का आह्वान किया कि वे "भारत आएं, यहां नवाचार करें, यहां डिज़ाइन करें"। उन्होंने कहा कि इससे अर्थव्यवस्था और भी तेजी से बढ़ेगी: "इसलिए चाहे कुछ भी हो जाए, हम विजेता हैं।"
उन्होंने भारत में व्यवसायों को आसान बनाने, विनिर्माण को बढ़ावा देने और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को समर्थन देने के लिए "मिशन मोड" पर होने की बात कही। उन्होंने जोर देकर कहा, "पहली तिमाही में 7.8% की वृद्धि दर हासिल हुई। इसने सभी अर्थशास्त्रियों की उम्मीदों को पार पा लिया है। हम 2047 तक उनसे आगे बढ़ते रहेंगे।" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने को लेकर वर्ष 2047 को लक्ष्य वर्ष के रूप में निर्धारित किया है, जिसका मूलमंत्र है 'विकसित भारत'।
भारतीयों की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा
एच-1बी वीजा मामले को लेकर भारत सरकार अब तक यही कह रही है कि वह इसके पूरे प्रभाव का आकलन कर रही है। वहीं पीएम मोदी ने इस में सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा है। इस बात पर जोर दिया है कि भारत को को और अधिक आत्मनिर्भर बनना होगा। यह वीजा संबंधी कदम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर उठाए गए कई कदमों के बाद उठाया गया है। इस तरह से भारत या भारतीयों की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा है।
इनमें उच्च व्यापार शुल्क भी शामिल है। इस पर अगस्त में समझौते के लिए बातचीत रुकी हुई थी। 16 सितंबर को एक अमेरिकी दल के दौरे के साथ बातचीत को दोबारा से शुरू करने के बाद अब पीयूष गोयल बातचीत में तेजी लाने को लेकर 22 सितंबर को वाशिंगटन के लिए रवाना होंगे।