प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आयोजन हो रहा है. 13 जनवरी से महाकुंभ शुरू हो गया है. 26 फरवरी तक महाकुंभ चलेगा. महाकुंभ इस बार 144 साल बाद लगा है. देश-विदेश से साधु-संत और श्रद्धालु महाकुंभ पहुंच रहे हैं. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी महाकुंभ की सराहना की. उन्होंने कहा कि विश्व भर में कोई भी आयोजन महाकुंभ से अधिक एकता और सद्भाव का संदेश नहीं देता.
जानें क्या बोले अमित शाह
गुजरात विश्वविद्यालय के मैदान में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने बताया कि वह कब महाकुंभ जाएंगे. शाह ने अपने संबोधन के दौरान कहा- 27 जनवरी को गंगा में डुबकी लगाने के लिए महाकुंभ जाएंगे. शाह ने कहा कि महाकुंभ का जिस स्तर का आयोजन हुआ है, उसे देखकर दुनिया भर के लोग हैरान हैं. कई देशों के राजदूतों ने उनसे निमंत्रण कार्ड के लिए अनुरोध किया है. शाह ने कहा कि उन्हें मैंने बताया कि इसके लिए औपचारिक निमंत्रण नहीं हैं.
राजदूतों को मुझ पर विश्वास ही नहीं हुआ
शाह ने कहा कि मैंने उन्हें बताया कि करोड़ों लोग ग्रहों की स्थिति के अनुसार एक विशिष्ट समय पर इकट्ठे होते हैं. गंगा में डुबकी लगाते हैं. राजदूत मेरे बताने पर विश्वास ही नहीं कर रहे है कि बिना किसी निमंत्रण के 40 करोड़ लोग एक जगह इकट्ठा हो रहे हैं.
महाकुंभ एकता-सद्भाव का संदेश देता है
उन्होंने कहा कि कुंभ एकता और सद्भाव का संदेश देता है. वहां किसी से भी उसका संप्रदाय, जाति या धर्म नहीं पूछा जाता. वहां किसी भेदभाव के बिना लोगों को भोजन मिलता है. मां गंगा में गरीब से गरीब और अमीर से अमीर व्यक्ति साथ में डुबकी लगाता है. दुनिया में इससे अच्छा संदेश कहीं नहीं मिलता है.
उन्होंने कहा कि इतना बड़ा जनसमूह है लेकिन होटल में कोई नहीं रहता है. सभी को गंगा के तट पर टेंट में रहने की सुविधा दी जाती है. उन्होंने गुजरात के लोगों और खासतौर पर युवाओं से आग्रह किया कि वे महाकुंभ में आएं. शाह ने बताया कि मैं खुद 27 जनवरी को गंगा में डुबकी लगाने महाकुंभ जाऊंगा.
मोदी सरकार के कार्यकाल की सराहना
शाह ने गुजरात के कार्यक्रम में मोदी सरकारी के कार्यकाल की सराहना भी की. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के 10 सालों में स्थिति बदल गई है. हमारे लंबित कार्य लगभग खत्म हो चुके हैं. जैसे- जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण, तीन तलाक को खत्म करना और यूसीसी का कार्यान्वयन. उन्होंने कांग्रेस की पूर्व सरकारों की आलोचना भी की.