Assam: 'मुझे असम की कांग्रेस सरकार ने पीटा था, मुझे सात दिन जेल का खाना खिलाया', अमित शाह ने याद किए पुराने दिन

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में असम विकास कर रहा है. कांग्रेस पर उन्होंने असम को दंगों में झोंकने का आरोप लगाया.

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Jalaj Kumar Mishra
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MHA Amit Shah Praised PM Modi for assam development and condemns Congress

MHA Amit Shah (Photo: Social Media )

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह असम के दौरे पर हैं. उन्होंने शनिवार को गोलाघाट जिले के डेरगांव स्थित पुुलिस अकादमी के पहले चरण का शनिवार को उद्घाटन किया. कार्यक्रम के दौरान, उन्होंने अगले चरण की भी आधारशिला रखी. कार्यक्रम के दौरान, शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशिप में असम में आज तेजी के विकास के काम हो रहे हैं.

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कांग्रेस ने असम को दंगों की आग में रखा

शाह ने कहा कि एक जमाना था, जब असम आतंकवाद के लिए जाना जाता था. आज वही असम है, जो अपने विकास के लिए जाना जाता है. उन्होंने कहा कि वर्षों तक कांग्रेस ने असम को दंगों की आग में झोंककर रखा लेकिन पीएम मोदी के राज में असम का तेजी से विकास हो रहा है. 

शाह ने बताया कि असम में मोदी सरकार के तहत कई शांति समझौते हुए. इसी वजह से हजारों युवाओं ने हथियारों को त्याग दिया और मुख्यधारा में लौट आए. असम में कभी गोलीबारी, आंदोलन और आतंकवाद की बात होती थी पर आज असम में आधुनिक सेमीकंडक्टर की इंडस्ट्री लगने जा रही है.

 'जब मुझे जेल में डाला गया...'

अमित शाह ने कार्यक्रम में कहा कि असम की कांग्रेस सरकार ने मुझे भी पीटा है. हितेश्वर सौकिया असम के मुख्यमंत्री थे. वे दो बार असम की कमान संभाल चुके हैं. उन्होंने कहा कि हम इंदिरा गांधी के खिलाफ नारे लगाते थे कि असम की गालियां सुनी हैं. इंदिरा गांधी खूनी हैं. उन्होंने कहा कि सात दिनों तक मैंने असम की जेल का खाना खाया है. उस वक्त देश भर के लोग असम को बचाने के लिए इकट्ठा हुए थे.  आज असम विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है. 

शूरवीर लचित बरफुकन के बारे में की बात

शाह ने कार्यक्रम को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि लचित बरफुकन एक महान योद्धा था. मुगलों को उन्होंने धूल चटा दी थी. शाह ने कहा कि मैं जब सात साल का था, तब मुझे लचित बरफुकन के बारे में पता चला था. लेकिन मैंने ग्रेजुएशन कर लिया लेकिन लचित के बारे में पढ़ने के लिए मुझे कभी नहीं मिला. उन्हें अब तक असम में ही रखा गया. लेकिन अब 23 भाषाओं में उनकी जीवनी को छापा गया और देश में पढ़ाया जाने लगा. देश के महान सेनापति के बारे में लोग अब जानते हैं.

amit shah assam
      
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