पहलगाम पर हमले के बाद से भारत लगातार कार्रवाई कर रहा है. सबसे पहले सिंधु जल संधि के समझौते को रद्द कर दिया गया. वहीं देश से पाकिस्तानियों को वापस भेजा जा रहा है. इसे लेकर जम्मू-कश्मीर की विपक्षी नेता महबूबा मुफ्ती ने चिंता जताई है. उन्होंने सरकार से इस मामले में मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की अपील की है. सरकार ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं पर रोक लगा दी है.
महबूबा ने सोशल मीडिया पर दी प्रतिक्रिया
जम्मू कश्मीर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि "ध्यान रखा जाए कि आम लोगों के घर न गिराए जाएं और कुछ लोग यहां जो पाकिस्तान से आए हुए हैं, उसमें से कुछ ऐसी महिलाएं हैं जिनकी शादी 30-40 साल पहले हुई हैं या जिनके पोता-पोती हैं. उनका घर तो हिंदुस्तान है वो अपने आपको हिंदुस्तानी समझते हैं वे इस उम्र में कहां जाएंगे. मैं उम्मीद करती हूं कि गृह मंत्री से इस पर सहानुभूति से निर्णय लेंगे...वे सभी अपने आपको हिंदुस्तानी मानते हैं पाकिस्तानी नहीं मानते."
मुफ्ती ने कहा, 'मैंने जेकेएनसी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला को यह कहते हुए सुना कि बालाकोट से भी सख्त कार्रवाई (पाकिस्तान के खिलाफ) की जानी चाहिए. जेकेएनसी की नीति अलग रही है. फारूक अब्दुल्ला कभी कहते थे कि हमें दूसरे कश्मीर पर बम गिराना चाहिए और कभी कहते हैं कि हमें बातचीत करनी चाहिए. इसलिए, मैं उस पर नहीं जाना चाहती. देश के लोगों के घावों पर मरहम लगाना जरूरी है.'
वीजा सेवाओं को निलंबित करने का फैसला लिया
पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद केंद्र सरकार एक के बाद एक ताबडतोड़ फैसले ले रही है. आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि कैबिनेट समिति (सीसीएस) की ओर से लिए गए फैसले के क्रम में भारत सरकार ने तत्काल प्रभाव से पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को निलंबित करने का फैसला लिया है.