विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पाकिस्तान को लेकर एक बार फिर भारत की सख्त और स्पष्ट नीति को दोहराया है. साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान से किसी भी बातचीत का आधार सिर्फ एक होगा – वह यह कि पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) को कब और कैसे खाली किया जाएगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि “आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते.”
पाकिस्तान को दो टूक: POK खाली करने पर ही होगी बातचीत
MEA प्रवक्ता ने साफ किया कि पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की वार्ता सिर्फ द्विपक्षीय होगी, और वह भी तभी संभव है जब पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन बंद करे. उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान को जिन आतंकवादियों की सूची सौंपी है, उसे तत्काल भारत को सौंपा जाना चाहिए.
इंडस वाटर ट्रीटी पर कड़ा संदेश
इंडस जल संधि को लेकर भी भारत ने सख्त रुख अपनाया है. जायसवाल ने कहा, “जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करता रहेगा, तब तक इंडस वॉटर ट्रीटी होल्ड पर रहेगी.” यह बयान पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी है कि वह अपनी हरकतों में सुधार लाए, नहीं तो भारत अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने से पीछे नहीं हटेगा.
आतंकियों के मंच पर दिखने पर प्रतिक्रिया
न्यूज नेशन ने Mea प्रवक्ता से पाकिस्तान के मंच पर फिर से लश्कर के आतंकी कमांडर और हाफिज सईद के बेटे को लेकर सवाल उठाया और उन्हें मिल रहे पाक सरकार और सेना के संरक्षण को उद्धृत किया जिसका जवाब देते हुए . MEA प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकियों का सार्वजनिक मंचों पर आना कोई नई बात नहीं है. यह लंबे समय से होता आ रहा है और यही कारण है कि भारत पाकिस्तान को लगातार "वैश्विक आतंकवाद का केंद्र" कहता आया है. “जो दृश्य हमने अभी मंचों पर देखे, वह पाकिस्तान की जमीन पर लंबे समय से देखे जा रहे हैं.”
अमेरिका में सीजफायर और टैरिफ को जोड़ने पर भारत की प्रतिक्रिया
हाल ही में अमेरिकी अधिकारियों ने एक अदालत में कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर से अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा को मदद मिली और इससे टैरिफ नीति को मजबूती मिली. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रणधीर जायसवाल ने कहा, “सीजफायर किसी तीसरे पक्ष के कारण नहीं, बल्कि भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ (DGMO) के बीच हुए समझौते का नतीजा था. इसमें न तो ट्रंप की भूमिका थी और न ही ट्रेड या टैरिफ का कोई संबंध था.” MEA के इन बयानों से स्पष्ट है कि भारत पाकिस्तान को लेकर अब किसी भ्रम में नहीं है. बातचीत तभी होगी जब पाकिस्तान POK खाली करेगा, और आतंकवाद को पूरी तरह खत्म करेगा. भारत का यह रुख न केवल कूटनीतिक रूप से स्पष्ट है बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी आवश्यक है.