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mea randhir jaiswal : (social media)
पीओके में पाकिस्तान के अत्याचारों पर भारत के विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी की है. मंत्रालय का कहना है कि पाक अधिकृत कश्मीर में हो रहा प्रदर्शन पाकिस्तान की दमनकारी नीति ओर संगठित लूट को दर्शाता है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल का कहना है कि पाकिस्तान में ह्यमन राइट्स के हन्न को लेकर सरकार की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न भाग है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने पाकिस्तान
विदेश मंत्रालय ने कहा,"हमने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के कई क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन की खबरें देखने को मिल रही हैं. यहां पर पाक सेना निर्दोष नागरिकों के साथ बर्बरता का व्यवहार कर रही है. पाकिस्तान को उसके भयावह मानवाधिकार उल्लंघनों को लेकर जवाबदेह ठहराना जरूरी है. जहां पर संसाधन हैं उन हिस्सों में पाकिस्तान का अवैध कब्जा बना हुआ है. यहां पर व्यवस्थित तरह से लूट है.
#WATCH | Delhi | MEA Official Spokesperson Randhir Jaiswal says, "Today is a special day, 3rd of October. On 3rd October 2000, we established the India-Russia Strategic Partnership. Today, we are celebrating 25 years of this special partnership. India and Russia enjoy a special… pic.twitter.com/1um2WYBZut
— ANI (@ANI) October 3, 2025
पीओके प्रदर्शन में अब 12 लोग मरे
पीओके में जारी प्रदर्शन और अत्याचार का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र तक पहुंच चुका है. PoK के राजनीतिक दलों ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से इस केस में तुरंत दखल देने को कहा है. 29 नवंबर को यहां आम लोग शहबाज सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर गए. उन्होंने प्रदर्शन किया. इसके बाद पाकिस्तानी सेना उन पर फायरिंग शुरू कर दी. इसमें अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है.
पाकिस्तान में चक्का जाम का आह्वान
प्रदर्शन के बाद यहां के लोगों ने रावलकोट, मीरपुर, कोटली, नीलम घाटी और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के अन्य इलाकों में बंद और चक्का जाम का आह्वान किया है। यह PoK में अब तक सबसे बड़ा प्रदर्शन है। अवामी एक्शन कमेटी (एएसी) की अगुवाई में शहबाज शरीफ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ। इसके बाद से पूरे क्षेत्र में इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई है। वहीं पुलिस के अत्याचार शुरू हो गए.