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लड़ाकू विमानों के लिए स्वदेशी स्टील का निर्माण: ADA और MIDHANI ने मिलाया हाथ

MDN100 स्टील एक विशेष ग्रेड का स्टील है, जो उच्च शक्ति, कठोरता और बेहतर फोर्जेबिलिटी के साथ विमान निर्माण में उपयोगी सिद्ध होगा. इसका उपयोग विशेष रूप से उच्च भार वहन करने वाले विमान संरचनाओं, जैसे विंग लोड बेयरिंग स्ट्रक्चरल पार्ट्स में किया जाएगा.

MDN100 स्टील एक विशेष ग्रेड का स्टील है, जो उच्च शक्ति, कठोरता और बेहतर फोर्जेबिलिटी के साथ विमान निर्माण में उपयोगी सिद्ध होगा. इसका उपयोग विशेष रूप से उच्च भार वहन करने वाले विमान संरचनाओं, जैसे विंग लोड बेयरिंग स्ट्रक्चरल पार्ट्स में किया जाएगा.

Madhurendra Kumar & Mohit Sharma
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 indigenous steel for fighter planes

indigenous steel for fighter planes Photograph: (Social Media)

एरो इंडिया 2025 एयरशो के दौरान, एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA), बेंगलुरु और मिश्रा धातु निगम लिमिटेड (MIDHANI), हैदराबाद ने एयरोनॉटिकल अनुप्रयोगों के लिए उच्च शक्ति और उच्च कठोरता वाले विशेष स्टील MDN100 के स्वदेशी विकास हेतु एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए. यह समझौता रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की "आत्मनिर्भर भारत" पहल को और मजबूती प्रदान करेगा.

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स्वदेशी रक्षा निर्माण में एक और कदम

ADA, देश में लड़ाकू विमान निर्माण की प्रमुख एजेंसी है, जिसने HAL, DRDO, CSIR, PSUs, निजी क्षेत्र, वायु सेना, नौसेना और प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के साथ साझेदारी में कई उन्नत तकनीकों और सामग्रियों को विकसित किया है. ADA की सबसे बड़ी उपलब्धि LCA-तेजस रही है, जिसे भारतीय वायु सेना में सफलतापूर्वक शामिल किया जा चुका है. वर्तमान में, एजेंसी LCA Mk2, एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) और ट्विन इंजन डेक बेस्ड फाइटर (TEDBF) जैसे परियोजनाओं पर काम कर रही है.

MIDHANI: विशेष धातुओं की मजबूत नींव

MIDHANI, एक प्रतिष्ठित रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (PSU) है, जो एयरोनॉटिक्स, अंतरिक्ष, रक्षा, परमाणु और जलविद्युत ऊर्जा क्षेत्रों के लिए विशेष धातुओं और मिश्रधातुओं का निर्माण करता है. इस संस्थान ने विभिन्न ग्रेड के स्टील, टाइटेनियम और निकल मिश्रधातुओं का स्वदेशी रूप से विकास किया है, जो अब भारतीय रक्षा उपकरणों का एक अहम हिस्सा बन चुके हैं.

MDN100 स्टील: एयरोस्पेस क्षेत्र में नई क्रांति

MDN100 स्टील एक विशेष ग्रेड का स्टील है, जो उच्च शक्ति, कठोरता और बेहतर फोर्जेबिलिटी के साथ विमान निर्माण में उपयोगी सिद्ध होगा. इसका उपयोग विशेष रूप से उच्च भार वहन करने वाले विमान संरचनाओं, जैसे विंग लोड बेयरिंग स्ट्रक्चरल पार्ट्स में किया जाएगा. यह स्टील हल्के वजन के साथ उच्च प्रदर्शन प्रदान करेगा, जिससे विमान की कुल दक्षता में सुधार होगा.

आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम

इस अवसर पर ADA और MIDHANI के अधिकारियों ने कहा कि यह समझौता भारत की स्वदेशी उत्पादन क्षमता को और सशक्त बनाएगा और रक्षा क्षेत्र में विदेशी निर्भरता को कम करेगा. यह परियोजना प्रधानमंत्री की "आत्मनिर्भर भारत" पहल की दिशा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी. यह समझौता भारत के रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी नवाचार को नई गति देगा और देश को आत्मनिर्भरता की दिशा में और सशक्त बनाएगा. एरो इंडिया 2025 इस ऐतिहासिक साझेदारी का साक्षी बना, जो भारत की एयरोस्पेस क्षमताओं को वैश्विक मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करेगी.

indigenous steel for fighter planes Indian Airforce
      
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