Manipur Violence: थमने का नाम नहीं ले रही मणिपुर की हिंसा, 5 हजार ज्यादा सुरक्षाकर्मी की तैनाती, जानें क्या हैं केंद्र के निर्देश

Manipur Violence: मणिपुर में राहत शिविर से लापता महिलाओं और बच्चों के शव मिले हैं. इसके बाद से हिंसा भड़क चुकी है. वहीं मंत्रियों और मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के दामाद समेत छह विधायकों के घरों पर तोड़फोड़ की घटना सामने आई है. 

Manipur Violence: मणिपुर में राहत शिविर से लापता महिलाओं और बच्चों के शव मिले हैं. इसके बाद से हिंसा भड़क चुकी है. वहीं मंत्रियों और मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के दामाद समेत छह विधायकों के घरों पर तोड़फोड़ की घटना सामने आई है. 

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Mohit Saxena
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Violence In Manipur: मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़क चुकी है. बीते साल मई माह से ही राज्य जतीय संघर्ष की हिंसा आग को झेल रहा है. इस आग को बुझाने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं, मगर यह नाकाफी हैं. इस बीच केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय व सुरक्षा एजेंसियों के आला अधिकारियों के साथ बैठक करके तनाव कम करने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में सुरक्षा हालात की समीक्षा करने को लेकर आज एक अहम बैठक करेंगे. इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका समेत अन्य शीर्ष अफसर शामिल हो सकते हैं.

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50 सीएपीएफ कंपनियां भेजने का निर्णय लिया

केंद्र सरकार ने मणिपुर में 5 हजार से ज्यादा कर्मियों वाली अतिरिक्त 50 सीएपीएफ कंपनियां भेजने का निर्णय लिया है. गृह मंत्रालय (एमएचए) ने 20 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों, सीआरपीएफ से 15 और बीएसएफ से पांच को राज्य में भेजने का निर्देश दिया है.

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सीआरपीएफ से 15 और एसएफ से पांच को राज्य में भेजा

सुरक्षा व्यवस्था का दुरस्त करने लिए अतिरिक्त 50 कंपनियों को मणिपुर में भेजने का निर्देश दिया गया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 35 इकाइयां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) से लेने की कोशिश है. वहीं अन्य सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) से होगी. फिलहाल, राज्य में कुल 218 सीएपीएफ कंपनियां मौजूद हैं. जिरीबाम जिले में हिंसा भड़कने और अन्य स्थानों पर फैलने के बाद 12 नवंबर को जारी एक आदेश के बाद गृह मंत्रालय (एमएचए) ने 20 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों, सीआरपीएफ से 15 और एसएफ से पांच को राज्य में भेजा है. 

फिर क्यों भड़की हिंसा 

मणिपुर में राहत शिविर से लापता महिलाओं और बच्चों के शव मिलने के बाद मामला बिगड़ चुका है. यहां पर हिंसा दौर शुरू हो गया है. इस बीच भीड़ ने तीन मंत्रियों और सीएम बीरेन सिंह के दामाद समेत छह विधायकों के घरों पर हमला किया. तोड़फोड़ और आगजनी के साथ दो चर्चों और तीन घरों  को भी फूंक दिया गया.

ऐसा बताया जा रहा है कि महिलाओं और बच्चों की उग्रवादियों ने हत्या कराई है. सोमवार को सीआरपीएफ के साथ मुठभेड़ में 10 कुकी उग्रवादी भी मारे गए. उग्रवादियों के हमले के बाद कई लोग लापता हैं. इस दौरान एक बुजुर्ग महिला, उसकी दो बेटियां और तीन नाबालिग पोते-पोतियों का अभी तक पता नहीं चला. 

इस दौरान गुस्साई भीड़ ने निंगथौखोंग में लोक निर्माण मंत्री गोविंददास कोंथौजम, लंगमेइदोंग बाजार में भाजपा विधायक वाई. राधेश्याम, थौबल जिले में भाजपा विधायक पोनम ब्रोजेन और इंफाल पूर्वी जिले में कांग्रेस विधायक टी.लोकेश्वर के घरों पर पत्थर बरसाए और घरों में आग लगाने का प्रयास किया. बताया जा रहा है कि तोड़फोड़ के दौरान विधायक और उनके परिवार के सदस्य यहां पर मौजूद नहीं थे. 

सरकार से वापस लिया समर्थन  

हिंसक घटनाओं को लेकर नेशनल पीपुल्स पार्टी (National People's Party) के अध्यक्ष और मेघालय के सीएम कोनराड संगमा ने मणिपुर में एन बीरेन सिंह पर हमला किया. संगमा ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी एनपीपी ने बीरेन सिंह की अगुवाई सरकार से समर्थन ले लिया है. मगर एनडीए से नहीं. उन्होंने कहा कि अगर पड़ोसी राज्य में नेतृत्व परिवर्तन होता है तो पार्टी इस पर दोबारा से विचार करेगी. 

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