Manipur: सात दिनों के अल्टीमेटम के बाद 246 हथियार सरेंडर, सुरक्षाबलों से चुराए जूते और वर्दी भी की वापस

मणिपुर के राज्यपाल अजय भल्ला ने मैतेई ग्रुप को सात दिनों का अल्टीमेटम दिया था. इसके बाद ग्रुप ने 246 हथियारों को के साथ सुरक्षाबलों के हेलमेट, जूते, वर्दी और दंगे के दौरान उपयोग में होने वाली जैकेट को सरेंडर कर​ दिया.  

मणिपुर के राज्यपाल अजय भल्ला ने मैतेई ग्रुप को सात दिनों का अल्टीमेटम दिया था. इसके बाद ग्रुप ने 246 हथियारों को के साथ सुरक्षाबलों के हेलमेट, जूते, वर्दी और दंगे के दौरान उपयोग में होने वाली जैकेट को सरेंडर कर​ दिया.  

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Mohit Saxena
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weapon (social media)

मणिपुर में काफी समय तक हिंसा दौर जारी रहा. अब प्रदेश पटरी पर आने की राह पर है. इस बीच मैतेई ग्रुप अरामबाई टेंगगोल के सदस्यों ने समय सीमा खत्म होने से पहले बड़ी मात्र में हथियार सरेंडर कर दिए. इसमें करीब 246 हथियार, सुरक्षाबालों के जूते, वर्दी और जैकेट शामिल हैं. मंगलवार को मैतेई ग्रुप ने राज्य के राज्यपाल अजय भल्ला से मुलाकात की थी. यहां पर उन्होंने आश्वासन दिया था कि हथियार सरेंडर करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी. राज्य के राज्यपाल  ने आह्वान किया था कि सात दिनों के अंदर सभी हथियार सरेंडर कर दिया जाए. इसका गुरुवार अंतिम दिन था. अब समय सीमा खत्म हो चुकी है. 

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मंगलवार को रिवाइवलिस्ट सांस्कृतिक संगठन अरामबाई टेंगगोल की टीम राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंची थी. इसमें कमांडर-इन-चीफ टायसन न्गांगबाम उर्फ कोरोंगनबा खुमान, जनसंपर्क अधिकारी रॉबिन मंगंग खवाईराकाम और दो अन्य लोग बातचीत में शामिल थे. बंद कमरे में मीटिंग करीब एक घंटे तक चली. इस बैठक के बाद रॉबिन ने मीडिया को जानकारी दी की टीम ने मणिपुर के नवनियुक्त राज्यपाल से काफी अच्छी बातचीत हुई. 

कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी

उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने उनसे कहा कि अवैध रूप से रखे गए हथियारों को सरेंडर किया जाए. इस दौरान हमने भी कुछ शर्तें रखींं. राज्यपाल ने हथियार सरेंडर के लिए सात दिन का अल्टीमेटम दिया था. राज्यपाल ने कहा, 'इस संबंध में सभी समुदायों के लोगों, विशेष रूप से घाटी और पहाड़ियों के युवाओं से अपील है कि वे अपनी मर्जी से आगे आकर लूटे अवैध हथियारों, गोला-बारूद को सात दिनों के अंदर निकटतम पुलिस स्टेशन, चौकी या सुरक्षाबलों के शिवर में सरेंडर कर दें.' 

चौकियों से हथियारों की लूटपाट की

आपको बता दें कि 3 मई 2023 को हिंसा भड़कने के बाद से बिष्णुपुर और चुराचांदपुर की सीमा पर लगे गांव तोरबंग में अत्याधुनिक असॉल्ट राइफलों से लैस हथियारबंद बदमाशों को देखा गया. इस दौरान भीड़ ने राज्य के शस्त्रागार, पुलिस स्टेशनों, चौकियों से हथियारों की लूटपाट की. यहां से अब तक 6,000 से ज्यादा हथियार लूट लिए गए. वहीं करीब 2,500 बरामद हुए हैं. 

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