कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की शिक्षा पर सवाल किए हैं. उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि पढ़ाई-लिखाई में इतना कमजोर इंसान देश का प्रधानमंत्री कैसे बन गया. भाजपा नेता अमित मालवीय ने बुधवार को एक्स हैंडल पर अय्यर का बयान शेयर किया. इस वीडियो में मणिशंकर ने ये सवाल किए.
क्या बोले अय्यर
अय्यर ने राजीव गांधी की पढ़ाई लिखाई पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मैं राजीव के साथ ही कैंब्रिज में पढ़ा था. वहां फेल होना तो बहुत मुश्किल है. फर्स्ट क्लास मिलना आसान है. इसके बाद भी राजीव फेल हो गए. राजीव इसी वजह से इंपीरियल कॉलेज लंदन गए. वहां वे फिर से फेल हो गए. मैं सोचता हूं कि कैसे कोई ऐसा व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री बन सकता है.
मणिशंकर के बयान पर कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा कि मैं किसी हताश इंसान पर कोई भी टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं. मैं राजीव गांधी को जानता हूं. उन्होंने भारत को मॉर्डन विजन दिया.
कांग्रेस परिवार का साझा किया किस्सा
लगभग तीन माह पहले मणिशंकर ने कहा था कि पिछले 10 वर्षों में सिर्फ बार ही वे सोनिया गांधी से मिल पाएं हैं. उन्होंने कहा कि गांधी परिवार ने ही मेरा पॉलिटिकल करियर बनाया था और उन्होंने ही मेरा करियर बर्बाद भी किया है. बावजूद इसके मैं भाजपा में कभी भी नहीं जाऊंगा. अय्यर ने एक इंटरव्यू में दो किस्से बताए. उन्होंने कहा कि एक बार राहुल गांधी को शुभकामनाएं भेजने के लिए उन्हें प्रियंका गांधी को फोन करना पड़ा था. उन्होंने बताया कि एक बार मैंने सोनिया गांधी को क्रिसमस की शुभकामनाएं भेजी थी तो उन्होंने कहा कि मैं क्रिश्चियन नहीं हूं.
लोकसभा चुनवों के बारे में भी की बात
अय्यर ने अपनी किताब में बताया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. इस पर राहुल ने कहा कि हम अय्यर को बिल्कुल भी टिकट नहीं देंगे क्योंकि वे बुड्ढे हो गए हैं. अय्यर ने एक और किस्सा साझा करते हुए कहा कि प्रणब दा को उम्मीद थी कि उन्हें देश का प्रधानमंत्री और मनमोहन सिंह को देश का राष्ट्रपति बनाया जाएगा. अगर प्रणब दा प्रधानमंत्री होते तो कांग्रेस 2014 में इतने बुरी तरह से लोकसभा चुनाव नहीं हारती. कांग्रेस की स्थिति 2012 से ही खराब हो गई थी. सोनिया भी बीमार थी. मनमोहन सिंह को छह बार बाईपास करवाना पड़ा. इस वजह से चुनावों में न पार्टी अध्यक्ष और न ही राष्ट्रपति कोई भी एक्टिव नहीं था. दादा अगर प्रधानमंत्री होते तो वे खुलकर चुनाव प्रचार कर पाते.