Bengal: पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की मुखिया और सत्तारूढ़ टीएमसी की सुप्रीमो ममता बनर्जी सोमवार को एक रैली को संबोधित करेंगी. इस पर हर किसी की नजरें बनी हुई हैं. सभा में लाखों कार्यकर्ता और समर्थक जुटने वाले हैं. कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी यहां से विधानसभा चुनाव का बिगुल फूकेंगी.
सभा में कई मुद्दे उठाएंगी ममता बनर्जी
सोमवार को कोलकाता के धर्मतल्ला इलाके में पार्टी की वार्षिक शहीद दिवस रैली का आयोजन हो रहा है. ममता बनर्जी इसे ही आज संबोधित करेंगी. हर बार की तरह ममता बनर्जी यहां से बिगुल फूंकते हुए 2026 की चुनावी रणनीति की घोषणा करेंगी. बता दें, तृणमूल की ये वार्षिक सभा न सिर्फ पार्टी के लिए राजनीतिक संकल्प का प्रतीक है बल्कि इस बार इसे बंगाली अस्मिता और जनभावनाओं को एकजुट करने की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है. हर साल शहीद दिवस रैली में लाखों लोगों की भीड़ जुटाकर ममता बनर्जी एक प्रकार का शक्ति प्रदर्शन भी करती हैं. ममता इस बार रैली में कई सारे मुद्दे उठाने वाली हैं.
क्यों मनाया जाता है शहीद दिवस
बता दें, टीएमसी 21 जुलाई को हर साल 13 युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की याद में शहीद दिवस मनाती है. 21 जुलाई 1993 में ममता बनर्जी के नेतृत्व में कोलकाता में राज्य सचिवालय तक मार्च किया गया था. इस दौरान पुलिस के साथ कार्यकर्ताओं की झड़प हो गई थी और 13 युवा कांग्रेसियों की मौत हो गई थी. प्रदेश में उस वक्त वामपंथी सरकार थी. उस वक्त ममता बनर्जी कांग्रेस में थी. लेकिन 1998 में तृणमूल कांग्रेस के गठन के बावजूद ममता बनर्जी 21 जुलाई को हर साल शहीद दिवस के रूप में मनाती हैं.
भाजपा भी फुल चुनावी मोड में
बता दें, बंगाल विधानसभा चुनाव में सात से आठ महीने ही बचे हैं. पूरा बंगाल चुनावी मोड में आ गया है. राज्य में भाजपा मुख्य विपक्षी पार्टी है. भाजपा पहले से ही चुनावी मोड में है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल में दो बार राज्य का दौरा कर चुके हैं. उन्होंने अपनी सभा में तृणमूल पर जमकर हमला बोला था. पीएम मोदी के साथ गृहमंत्री अमित शाह भी बंगाल के दौरे कर चुक हैं. आसान भाषा में कहें तो भाजपा फुल चुनावी मोड में है.