दिल्ली सरकार ने राजधानी में व्यापारिक गतिविधियों से जुड़ी लाइसेंस प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रविवार को घोषणा की कि अब होटल, गेस्ट हाउस, स्विमिंग पूल, ऑडिटोरियम, वीडियो गेम पार्लर और मनोरंजन पार्क जैसे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को लाइसेंस प्राप्त करने के लिए दिल्ली पुलिस के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. यह जिम्मेदारी अब स्थानीय निकायों जैसे दिल्ली नगर निगम (MCD), नई दिल्ली नगर परिषद (NDMC) और कैंटोनमेंट बोर्ड को सौंपी गई है.
मुख्यमंत्री ने इस फैसले को केंद्र सरकार की ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ की नीति का हिस्सा बताया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में यह सुधार संभव हुआ है. उन्होंने कहा कि यह कदम ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा देने के साथ-साथ प्रशासनिक दक्षता और जवाबदेही को भी बढ़ाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली पुलिस पर वर्षों से इन व्यापारिक संस्थानों को लाइसेंस देने की जिम्मेदारी थी, जिससे उनकी मूल भूमिका-कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण-प्रभावित हो रही थी. अब इस बदलाव से पुलिस बल अपने प्रमुख कार्यों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकेगा. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि नई लाइसेंसिंग प्रणाली को डिजिटल, पारदर्शी और समयबद्ध बनाया जाएगा ताकि आम जनता और कारोबारियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो.
रेखा गुप्ता ने इस निर्णय को ‘डबल इंजन सरकार’ की प्रतिबद्धता का उदाहरण बताया, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार मिलकर नागरिकों की भलाई के लिए कार्य कर रहे हैं. उपराज्यपाल विनय सक्सेना के इस फैसले के लिए उन्होंने आभार भी व्यक्त किया.