Maharashtra Politics: उद्धव गुट को एक और नुकसान, अब शिंदे ने इस कद्दावर नेता से मिलाया हाथ

महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर उथल-पुथल देखने को मिल रही है. ये उठा-पटक नेताों के दल बदलने को लेकर चल रही है. दरअसल उद्धव गुट के कद्दावर नेता ने शिंदे गुट का दामन थाम लिया है.

महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर उथल-पुथल देखने को मिल रही है. ये उठा-पटक नेताों के दल बदलने को लेकर चल रही है. दरअसल उद्धव गुट के कद्दावर नेता ने शिंदे गुट का दामन थाम लिया है.

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Dheeraj Sharma
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Maharashtra Politics Udhhav Thackeray big blow

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में भले ही विधानसभा चुनाव को खत्म हुए लंबा वक्त हो गया हो, लेकिन अब तक प्रदेश की राजनीति में उथल-पुथल जारी है. हालांकि पहले सीएम बनने में लंबा वक्त लगा औऱ इसके बाद विभाग बंटवारे में भी खींचतान देखने को मिली थी. एकनाथ शिंद नहीं चाहते हैं कि उन्हें डिप्टी सीएम बनाया जाए लेकिन बाद में शीर्ष नेताओं के समझाने बुझाने से वह मान गए. लेकिन इन सब प्रक्रियाओं को पूरा होने के बाद भी शिंद ने हार नहीं मानी है और वह लगातार अपनी पार्टी के विस्तार में जुटे हैं. उनका सीधा निशाना अपनी शिवसेना को मजबूत करना है. इसके तहत वह उद्धव गुट से बड़े-बड़े नेताओं से हाथ मिलाकर उन्हें अपने दल में ला रहे हैं. 

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उद्धव गुट को फिर हुआ नुकसान

चुनाव के बाद से ही उद्धव गुट के लिए दिन अच्छे नहीं चल रहे हैं. एक बार फिर उद्धव ठाकरे को झटका लगा है. दरअसल प्रदेश के पूर्व सीएम और शिवसेना के प्रमुख एकनाथ शिंदे ने उद्धव गुट के कद्दावर नेता कहे जाने वाले राजन साल्वी को अपने गुट में शामिल कर लिया है. बता दें कि चुनाव के बाद से ही एकनाथ शिंदे उद्धव गुट में सेंध लगाने की कोशिश में जुटे हैं. अब तक कई नेता, पूर्व विधायक से लेकर नगरसेवकों को वह अपनी पार्टी में शामिल कर चुके हैं. 

देर रात को हो गया खेला

राजनीतिक सूत्रों की मानें तो देर रात साल्वी ने राजापुर लांजा विधायक किरण सामंत और रत्नागिरी एमएलए उदय सामंत की उपस्थिति में शिंदे से मीटिंग की और इसके बाद उनके साथ जाने की घोषणा भी कर दी. उन्होंने कहा कि पिछले बार मैं शिंदे के साथ नहीं जा पाया था लेकिन इस बार मैं कोई गलती नहीं करूंगा. 

उद्धव से क्यों नाराज राजन साल्वी

बताया जा रहा है चुनाव के बाद से ही राजन साल्वी उद्धव ठाकरे से नाराज चल रहे थे. साल्वी का आरोप है कि चुनाव के दौरान उद्धव ठाकरे और उनके करीबियों ने साल्वी और उसके लोगों की मदद नहीं की. अब साल्वी के एकनाथ शिंदे के साथ आने से कोंकण क्षेत्र के वोट बैंक का शिंदे के साथ होना तय माना जा रहा है. यानी उद्धव के लिए ये झटके से कम नहीं है. 

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