Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में सियासी पारा फिर हाई हो रहा है. चुनाव के नतीजों के बाद से ही यहां पर राजनीतिक उठा-पटक खत्म नहीं हो रही है. यही कारण है कि हर किसी की नजरें प्रदेश की सियासत पर टिकी हुई हैं. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की चिंता बढ़ सकती है. दरअसल महायुति में पहले ही खटपट चल रही है. नाराज शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे अपने तेवर तो दिखा ही रहे हैं अब माना जा रहा है कि प्रदेश की सियासत को दो दिग्गज भी बड़ा खेला कर सकते हैं.
ये दो दिग्गज मिलाएंगे हाथ
महाराष्ट्र में इस बार चुनाव का नतीजा जो भी रहा हो एक बात तो साफ हो गई कि जिन दलों ने लोकसभा में अच्छा प्रदर्शन किया उन्हें जनता ने ज्यादा तवज्जो नहीं दी. इनमें से एक है उद्धव गुट वाली शिवसेना. लोकसभा में टीम उद्धव ने शानदार प्रदर्शन किया. लेकिन विधानसभा में इनका प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा. माना जा रहा है कि इंडिया ब्लॉक के चलते उद्धव को नुकसान हुआ.
अब किस तैयारी में ठाकरे
शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे एक बार फिर प्रदेश की सियासत में खलबली मचा सकते हैं. दरअसल सूत्रों की मानें तो राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा जोरों पर हैं कि उद्धव ठाकरे अपने भाई राज ठाकरे से हाथ मिला सकते हैं. यानी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना औऱ शिवेसना यूबीटी का विलय हो सकता है. अगर ऐसा हुआ तो निश्चित रूप में मराठा वोटों पर सीधे तौर पर ठाकरे ब्रदर्स कब्जा जमा सकते हैं.
क्यों हो रही ठाकरे ब्रदर्स की चर्चा
बता दें कि महाराष्ट्र की राजनीति में ठाकरे परिवार को नकारा नहीं जा सकता. रविवार यानी 15 दिसंबर को मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे के भतीजे शौनक पाटनकर की शादी में शिरकत की है. उनकी इस मौजूदगी ने राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं के बाजार को गर्म कर दिया है.
निकाय चुनाव पर टिकी निगाहें
बता दें कि महाराष्ट्र में चल रही उथल-पुथल का दौर खत्म न होने की सबसे बड़ी वजह आगामी निकाय चुनाव को बताया जा रहा है. बीएमसी पर कब्जा करने के लिए राजनीतिक दल लगातार एढ़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि ठाकरे ब्रदर्स भी निकाय चुनाव से पहले हाथ मिला लें तो इस चुनाव में उनकी बड़ी जीत हो सकती है. अगर ऐसा हुआ तो देवेंद्र फडणवीस के लिए आने वाले वक्त में मुश्किलें बढ़ भी सकती हैं.